नई दिल्ली। Covid-19 New Variant XBB1 in India: भारत में COVID-19 के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं और कुल एक्टिव मामलों की संख्या 6,559 हो गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, पिछले कुछ दिनों से देश में कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि के पीछे कोविड-19 का XBB 1.16 वैरिएंट है।
XBB1.16 वैरिएंट COVID के ओमिक्रॉन वैरिएंट के रिकॉम्बिनेशन XBB वैरिएंट का वंशज है जो देश में तेजी से फैल रहा है। INSACOG के नए आंकड़ों के अनुसार, देश में XBB1.16 के अभी 76 मामले हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के इस वैरिएंट से नई लहर की आशंका बढ़ सकती है।
Covid-19 New Variant XBB1 in India: 12 देशों में फैला XBB.1.16 वैरिएंट
XBB.1.16 वैरिएंट कम से कम 12 देशों में पाया गया है जिसमें से सबसे अधिक मामले भारत में पाए गए हैं। भारत के अलावा अमेरिका, ब्रुनेई, सिंगापुर, चीन और यूके भी इस लिस्ट में शामिल हैं जहां XBB.1.16 वैरिएंट के मामले बढ़े हैं। वैश्विक स्तर पर XBB.1.16 के बारे में चिंताएं हैं क्योंकि इस सब-वैरिएंट में वायरस के गैर-स्पाइक क्षेत्र में कुछ म्यूटेशन हुआ है जो इम्यूनिटी को प्रभावित करता है।
Covid-19 New Variant XBB1 in India:: कितनी तेजी से फैलता है यह वैरिएंट
XBB.1.16 वैरिएंट XBB.1.5 की अपेक्षा 140 प्रतिशत तेजी से वृद्धि करता है जो इसे और अधिक आक्रामक बनाता है। इस वैरिएंट में तीन अतिरिक्त स्पाइक म्यूटेशन, E180V, K478R, और S486P हैं जिन्हें हाल ही में ब्रीफिंग द्वारा पहचाना गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर XBB.1.16 वैरिएंट भारत में आ चुके पुराने वैरिएंट BA.2.75, BA.5, BQs, XBB.1.5 की तरह भारतीयों की मजबूत इम्युनिटी के सामने पस्त नहीं हुआ तो पूरे विश्व को इस स्थिति को गंभीरता से लेना होगा। इस स्थिति ने निपटने के लिए बारीकी से निगरानी करना और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना काफी महत्वपूर्ण है।
भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के को-चेयरमैन डॉ. सौमित्र दास के मुताबिक, जनवरी 2023 की शुरुआत में सबसे पहले कोविड XBB1.16 की पहचान की गई थी। इस वैरिएंट की वर्तमान में निगरानी की जा रही है। अभी हमारे पास इसे पूरी तरह से समझने के लिए पर्याप्त डेटा नहीं है लेकिन हमें सुरक्षा बरतने और मास्क लगाने की जरूरत है।
Covid-19 New Variant XBB1 in India: इन लोगों को खतरा अधिक
सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन में सरकार ने 8 अधिक जोखिम वाले लोगों को इस वैरिएंट से अधिक खतरा बताया है। 8 तरह के लोगों को कोविड का खतरा तो हो ही सकता है साथ ही साथ गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है या उनके लिए मौत का कारण भी बन सकता है। जबकि जिन लोगों को अधिक खतरा नहीं होता है वे लोग जल्दी ठीक हो जाते हैं।