रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज उद्योगों के सीएसआर मद की राशि का मुद्दा उठा। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के सवाल के जवाब में सीएसआर की राशि देना कंपनी का दायित्व है। उनके लिए कार्रवाई का भी प्रावधान है। कवासी लखमा के विभाग के जवाब देते हुए मोहम्मद अकबर ने कहा कि कंपनी एक्ट के तहत उद्योगों पर कार्रवाई का प्रावधान हैं। अगर कोई उद्योग राशि नहीं देती है, तो उन पर कंपनी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है।

इस सवाल के जवाब मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि सीएसआर मद की राशि नहीं को लेकर उद्योगों पर कंपनी एक्ट के तहत ही कार्रवाई की जा सकती है। अगर कोई उद्योग राशि नहीं देती है तो उनसे अनुरोध किया जा सकता है। उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि सीएसआर मद का मामला केंद्र का है, राज्य सरकार प्रत्यक्ष तौर पर उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती है। इसी सवाल को लेकर विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा सीएसआर मद नहीं देने वाले उद्योगों पर कार्रवाई के लिए कौन अधिकारी सक्षम है, जवाब में मंत्री ने बताया कि प्रत्यक्ष तौर पर उद्योगों पर राज्य सरकार कार्रवाई नहीं कर सकती।
धर्मजीत सिंह, शिवरतन शर्मा, प्रमोद शर्मा ने भी सीएसआर मद को लेकर सवाल किया। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उद्योगों पर बात करने पर कहा जाता है कि वो पैसा कलेक्टर को दे देते हैं। कलेक्टर कहते हैं वो राज्य सरकार को भेज देते हैं, सरकार के निर्देश पर पैसा खर्च होता है। स्थानीय जनप्रतिनिधि की सीएसआर राशि खर्च करने की अनुशंसा में कोई भूमिका नहीं होती है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा के साथ-साथ जोगी कांग्रेस के विधायकों ने भी वाकआउट किया।