नई दिल्ली/रायपुर। CG News: केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ के सुगंधित धान की किस्म नगरी दुबराज को जीआई टैग प्रदान कर दिया है। जिसके लिए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ट्ववीट कर बधाई दी है।

CG News: बता दें कि तीन साल पहले राज्य के जीरा फूल को जीआई मिला था। अब नगरी दुबराज छत्तीसगढ़ के सुगंधित धान की दूसरी किस्म है जिसे जीआई टैग प्रदान किया गया है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के रीवा के सुंदरजा आम और मुरैना की गजक को जीआई टैग से नवाजा गया है।

CG News: क्या होता है जीआई टैग

किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिए एक प्रक्रिया होती है जिसे जीआई टैग यानी जीओ ग्राफिकल इंडीकेटर (Geographical Indications) कहते हैं। जिसे हिंदी में भौगोलिक संकेतक नाम से जाना जाता है।

CG News: 1999 में बना अधिनियम

संसद ने उत्पाद के रजिस्ट्रीकरण और संरक्षण को लेकर दिसंबर 1999 में अधिनियम पारित किया। जिसे अंग्रेजी में Geographical Indications of Goods (Registration and Protection) Act, 1999 कहा गया। इसे 2003 में लागू किया गया। इसके तहत भारत में पाए जाने वाले प्रॉडक्ट के लिए जी आई टैग देने का सिलसिला शुरू हुआ।

CG News: औसतन 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है नगरी दुबराज धान की फसल

बता दें कि, छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के नगरी दुबराज धान की एक अलग ही पहचान है। दुबराज धान की खासियत ये है कि यह काफी सुगंधित होती है। इस किस्म की बाजार में काफी अच्छी मांग है और इसे लोग चाव से खाना पसंद कर रहे हैं। यह धान औसतन 140 दिन में पक कर तैयार हो जाती है।

CG News: नगरी के लोग ही इसे उगा पाएंगे

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि अभी दूसरे राज्य के लोग भी नगरी दुबराज के नाम से बेचते हैं। अगर नगरी दुबराज को जीआई मिल गया है तो इस नाम से सिर्फ नगरी के लोग ही यह धान उगा पाएंगे। दूसरा इस नाम का उपयोग नहीं करेगा। ऐसे करने पर कानूनन कार्रवाई हो सकती है।

CG News: किसानों को क्या होगा फायदा

धान के मामले में राज्य की पहचान बढ़ेगी। नगरी के किसानों को फायदा होगा।
किसान अच्छे से इसकी खेती करेंगे, इस वजह से विलुप्त होने का डर नहीं होगा।
दुबराज के नाम पर लोग भ्रमित नहीं होंगे। सही प्रोडक्ट खरीद सकेंगे।

CG News: नगरी दुबराज की खासियत

1.दुबराज छग का सुगंधित चावल है।
2.छोटे दाना है। जो खाने में नरम है।
3.यह देशी किस्म है।
4.पकने की अवधि 150 दिन थी, अब 125 पर आ गई है।