टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से बच्चों के भविष्य के साथ खिलावाड़ का बड़ा मामला सामने आया है। यहां कक्षा पांचवीं और आठवीं की अंकसूची से बच्चों के जन्म तिथि का कॉलम ही गायब कर दिया गया है।

हैरानी की बात यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस बड़ी चूक से अनजान है। अमूमन जब अंकसूची तैयार की जाती है तब इसकी हर स्तर पर जांच की जाती है। जिसके बावजूद भी इतनी बड़ी लापरवाही का होना समझ से परे है।

बता दें कि अंकसूची छापने के एवज में भूगतान भी शिक्षा विभाग द्वारा किया जा चुका है। ऐसे में अब छपाई करने वाले की गलती है या प्रूफ चेक करने वाले की यह जांच का विषय है।

इस साल कक्षा 5वीं-8वीं की अंकसूची भविष्य में बच्चों के काम नहीं आएगी। दरअसल इसे छात्र भविष्य में सरकारी दस्तावेज के तौर पर जमा नहीं कर सकेंगे। क्योंकि इसमें जन्मतिथि का कॉलम ही नहीं है। इसका खामियाजा जिले के 904 मिडिल और 1970 प्रायमरी स्कूलों में पढ़ रहे डेढ़ लाख बच्चों को भुगतना पड़ेगा।

बता दें कि आधार कार्ड से लेकर हर सरकारी दस्तावेजों में पांचवीं और आठवीं में दर्ज जन्म तिथि को ही मान्य किया जाता है। लेकिन जिले में पहली से पांचवीं और छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को दी जाने वाली मार्कशीट में नहीं है।

बता दें कि जन्म तिथि के अलावा अन्य सभी कॉलम बहुआयामी प्रगति पत्रक में है, केवल जन्म तिथि का कॉलम ही गायब है। ऐसे में इसकी उपयोगिता को लेकर अब गुरुजी ही सवाल खड़े कर रहे हैं। कुछ शिक्षकों से इस मामले को लेकर चर्चा की गई तो उनका कहना है कि यह बहुत बड़ी चूक है। इसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ सकता है। इसमें विद्यालय का नाम, विकासखंड, जिला, कक्षा, विद्यार्थी का नाम, विद्यार्थी का आईडी क्रमांक, दाखिल क्र., माता का नाम, पिता का नाम, वर्तमान पता, पालक का मोबाइल नंबर और मैं बनना चाहता/चाहती हूं। इतने कॉलम बने हुए है, लेकिन जन्म तारीख का उल्लेख ही नहीं है ।

क्या कहते हैं शिक्षा अधिकारी

इस संबंध में शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अंकसूची रायपुर से प्रिंट होकर आई है। यहां बच्चों का विवरण भरते समय जन्म तिथि लिखा जा सकता है। रायपुर बात कर रहे हैं, यदि सुधार होगा दोबारा प्रिंट हो जाएगा।
बी बाखला, डीईओ

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