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बिलासपुर। बरसों तक शासकीय सेवा के बाद रिटायर एक प्राचार्या को 13 महीने बाद भी पेंशन और अन्य देयकों का भुगतान नहीं हो सका है। इस संबंध में प्रकाशित खबरों छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग तथा महालेखाकार से रिपोर्ट मंगाने का निर्देश दिया।

लंबित प्रकरणों की मांगी जानकारी

जस्टिस भादुड़ी ने कहा है कि प्रभावित अधिकारी-कर्मचारी संभागीय मुख्यालयों में स्थापित पेंशन अदालतों में आवेदन कर सकते हैं।प्राधिकरण के सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने सचिव, स्कूल शिक्षा को तत्संबंध में पत्र प्रेषित कर विस्तृत प्रतिवेदन के साथ यह भी जानकारी मांगी है कि प्रदेश भर में शिक्षा विभाग के कितने व्यक्तियों के पेंशन संबंधी प्रकरण किन कारणों से लंबित हैं। उन्होंने महालेखाकार को भी इस संबंध में पत्र प्रेषित किया है और कहा है कि सेवानिवृत्त व्यक्तियों के प्रकरणों में विशेष तत्परता से यथाशीघ्र कार्रवाई की जाए। न्यायमूर्ति भादुड़ी ने सचिव वारियाल को कहा है कि जिला न्यायाधीशों को भी पत्र प्रेषित कर जिला न्यायालयों में स्थापित पेंशन लोक अदालत में इस प्रकार के कर्मचारियों के प्रकरणों को लेकर संबंधित विभाग, महालेखाकार से समन्वय स्थापित कर यथाशीघ्र प्रकरणों को निराकरण सुनिश्चित करें।

इन जिलों में संचालित हैं पेंशन अदालतें

गौरतलब है कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के प्रकरणों के निराकरण के लिए रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर, अंबिकापुर एवं दुर्ग में पेंशन लोक अदालतें कार्यरत हैं। यहां सेवानिवृत्त अधिकारी, कर्मचारियों के प्रकरणों का निराकरण शीघ्रता से किया जाता है। मगर इसकी जानकारी न होने के कारण वे विभिन्न विभागों के मुख्यालय तथा महालेखाकार कार्यालय के चक्कर लगाते रहते हैं, जबकि इन पेंशन लोक अदालतों में सभी विभाग एवं महालेखाकार कार्यालय के साथ समन्वय कर प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जाता है।

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