भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शनिवार दोपहर 2:19 बजे PSLV-C55 रॉकेट से सिंगापुर के दो सैटेलाइट सफलतापूर्वक लॉन्च किए। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से भेजे गए इस मिशन से TeLEOS-2 और LUMELITE-4 को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया। इस मिशन में ISRO का एक्सपेरिमेंटल प्लेटफॉर्म POEM भी भेजा गया। POEM अंतरिक्ष के वैक्यूम (निर्वात) में कुछ टेस्टिंग करेगा। यह PSLV की 57वीं उड़ान थी।

इन दोनों सैटेलाइट के साथ पीएसएलवी ऑरबिटल एक्सपेरिमेंटल मॉड्यूल (POEM) ने भी उड़ान भरा। दोनों सैटेलाइट जहां धरती की निचली कक्षा में स्थापित किए जाएंगे, वहीं, POEM अंतरिक्ष के वैक्यूम (निर्वात) में कुछ टेस्टिंग करेगा। यह PSLV की 57वीं उड़ान है। इस मिशन को टीएलईओएस-2 मिशन नाम दिया गया है। इस लॉन्चिंग के साथ ही ऑर्बिट में भेजे गए विदेशी सैटेलाइट की कुल संख्या 424 हो गई।

TELEOS-2 Satellite किसने तैयार किया ?
TELEOS-2 Satellite को सिंगापुर की एक कंपनी की ओर से इंजीनियरिंग छात्रों के साथ मिलकर बनाया गया है। फरवरी में इसे वहां से भारत लाया गया।

केन्या ने लॉन्च किया सैटेलाइट Taifa-1
केन्या ने अपना पहला ऑपरेशनल अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट Taifa-1 बीते 15 अप्रैल को लॉन्च किया। यह लांचिंग कैलिफोर्निया में स्पेस एक्स के राकेट के माध्यम से किया गया। केन्या ने इस पर 3.72 लाख अमेरिकी डॉलर इन्वेस्ट किया है।

चीन ने लॉन्च किया फेंगयुन-3
चीन ने फेंगयुन-3 सैटेलाइट लॉन्च किया है। यह सैटेलाइट भारी वर्षा जैसी गंभीर मौसमी स्थितियों की जानकारी देने में सक्षम है। इसे 16 अप्रैल को लॉन्च किया गया।

दुनिया के सबसे रोकेट ने कब उड़ान भरी ?
दुनिया का सबसे बड़ा राकेट स्पेस एक्स स्टारशिप 20 अप्रैल को उड़ान भरी और सफलतम उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही फट गया। अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी इस लांच के लिए काफी दिनों से तैयारी कर रही थी। पूरी दुनिया की नजरें इस पर लगी हुई थीं।

यह दुनिया भर में अब तक लांच हुए सभी राकेट से ज्यादा पावर फुल था
इसमें 33 इंजिन लगे हुए थे. इसे सौ अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया था।
इसने टेक्सास के बोका चिका अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी थी।
इसे दोबारा इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया था। इसकी क्षमता 150 टन है।
राकेट की ऊंचाई 120 मीटर और व्यास नौ मीटर है।
स्पेस एक्स का फॉल्कन 9 राकेट साल 2010 से अब तक 217 बार सफल उड़ान भर चुका है।

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