CD MAHANT 111

रायपुर। यूनिसेफ ने छत्तीसगढ़ के 40 मीडियाकर्मियों को बच्चों और महिलाओं पर असाधारण रिपोर्टिंग के लिए सम्मानित किया। पुरस्कार पाने वालों में प्रिंट, टेलीविजन, रेडियो और डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म के रिपोर्टर, स्ट्रिंगर, फोटो जर्नलिस्ट और कैमरा पर्सन शामिल हैं। बाल अधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी वकालत करने के लिए कुशाभाउ ठाकरे विश्वविद्यालय और MCCR के सहयोग से यूनिसेफ द्वारा ‘मीडिया4चिल्ड्रन अवार्ड्स’ पुरस्कार हर वर्ष दिए जाते हैं।

इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित छत्तीसगढ़ विधान सभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत ने कहा “जीवन रक्षक सूचनाओं का प्रसार करने और जनता को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए प्रोत्साहित करने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। Media4Children पुरस्कार राज्य में बच्चों और महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देंगे।” उन्होंने पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा में यूनिसेफ के काम की सराहना की और राज्य में उनके प्रयासों को प्रोत्साहन देने का आश्वासन दिया।

यूनिसेफ छत्तीसगढ़ के प्रमुख जॉब जकरिया ने इस अवसर पर कहा कि इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि मीडिया ने छत्तीसगढ़ में बच्चों की भलाई में सुधार करने में मदद की है। मीडिया परिवारों और समुदायों में सामाजिक परिवर्तन ला सकता है जिससे बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में सुधार होगा। उन्होंने कहा, “मीडिया बच्चों से जुड़े मुद्दों को नीति और निर्णय के केंद्र में भी ला सकता है।”

कई श्रेणियों में बांटा गया अवार्ड

इस अवार्ड के लिए 5 श्रेणियों में राज्य भर से 120 से अधिक प्रविष्टियां प्रेषित की गई थीं। प्रिंट मीडिया श्रेणी में हिंदी और अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र शामिल थे। प्रविष्टियों का मूल्यांकन मीडिया, शिक्षा जगत, सरकार और नागरिक समाज का प्रतिनिधित्व करने वाली एक जूरी द्वारा किया गया था। यूनिसेफ के संचार विशेषज्ञ सैम सुधीर बंडी ने कहा कि यूनिसेफ क्षमता निर्माण के लिए राज्य भर में मीडिया के साथ काम कर रहा है और पत्रकारों और स्ट्रिंगर्स को महिलाओं और बच्चों पर रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कहा, “पुरस्कार और फेलोशिप राज्य में बाल अधिकारों पर चर्चा के लिए मीडिया के अथक समर्थन की सराहना और मान्यता का प्रतीक है।”

इस मौके पर MCCR ट्रस्ट में संयोजक डी श्याम कुमार ने बताया कि किस तरह यूनिसेफ और MCCR से जुड़े प्रदेश भर के पत्रकारों ने सन 2016 से अब तक बच्चों के टीकाकरण, कुपोषण, बाल अधिकार, महिला एवं शिशु स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रकाश में लाकर इस क्षेत्र में जागरूकता का काम किया।

इन्हें दिया गया अवार्ड :

प्रिंट मीडिया श्रेणी में पुरस्कार पाने वालों में गार्गी वर्मा (द न्यू इंडियन एक्सप्रेस), जॉन राजेश पॉल, दैनिक भास्कर के अमिताभ अरुण दुबे, आकाश श्रीवास्तव (पत्रिका), अभिषेक बनर्जी (नव भारत), सत्यपाल सिंह राजपूत (लल्लूराम), शिखर देवांगन ज़ी छत्तीसगढ़, सिद्धांत शर्मा (रेडियो मिर्ची), खुशबू सोनी (माध्यम डिजिटल) और शैक समीर ने फोटोग्राफी पुरस्कार जीते। ललित राठौर, राकेश मित्तल, आकाश शुक्ला, नारायण पांडेय, सुप्रिया पांडेय,सुनील कुमार ठाकुर, सुशिल कुमार बाखला, अनिल सेठिया, प्रमोद पोटाई, श्याम दीवान, दीपक सिंह, भोजराज साहू, अखिलेश नामदेव, राजेश सोनी और TRP NEWS के शमी इमाम को भी अवार्ड दिया गया। पुरस्कारों में एक प्रशस्ति पत्र और नकद पुरस्कार शामिल है।

महिलाओं और बच्चों पर रिपोर्टिंग को प्रोत्साहित करने के लिए 15 स्ट्रिंगर्स और रिपोर्टर्स को फैलोशिप प्रदान किया गया। इनमे श्रवण कुमार सोनी, टकेश्वर पटवा, शैलेश सिंह, हकीमुद्दीन नासिर, सूरज मानिकपुरी, मंजीत सिंह चंचल, रामकुमार सोनी, शैलेश गुप्ता, अंबरीश टांडिया, रूचि वर्मा, कृष्णविभूति तिवारी, विनोद दुबे, संतोष सोनी, खुशबु सोनी और अंगद सेठिया शामिल है।

बता दें कि 2022 में विश्व बाल दिवस के अवसर पर सोशल मीडिया में युवा प्रतिभाओं द्वारा बनाई गई इंस्टाग्राम रील्स ने देश भर में लाखों लोगों तक बाल अधिकार की जानकारी पहुंचाई। इस श्रेणी में बस्तर के तोकापाल के खेमेश्वर सेतिया ने प्रथम पुरस्कार हासिल किया, वहीं सोहिल अग्रवाल और डोमेंद्र निषाद ने द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवार्ड समारोह में सुभाष धुप्पड, अध्यक्ष, रायपुर विकास प्राधिकरण, राजेश लाहोटी, संपादक, पत्रिका और मुख्यमंत्री के सलाहकार गौरव द्विवेदी भी उपस्थित थे।

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