Rules Ignored In Millets Scheme - मिलेट्स उत्पाद और वितरण में गड़बड़ी के बाद DPI ने लगाई रोक
Rules Ignored In Millets Scheme - मिलेट्स उत्पाद और वितरण में गड़बड़ी के बाद DPI ने लगाई रोक

टीआरपी डेस्क

रायपुर। केंद्र की प्रधानमंत्री पोषण योजना के तहत प्रदेश की 12 जिलों की स्कूलों के बच्चों को मिलेटस प्रोग्राम के तहत परोसे जाने वाले कोदो-कुटकी-रागी से बने व्यंजन में नियमों की अनदेखी के बाद आला अफसरों ने इसका संज्ञान लिया है। डीपीआई द्वारा 4 जिलों की स्कूलों में योजना के तहत मिलेट्स फ़ूड की सप्लाई में नियमों की अनदेखी का पता चलने के बाद खरीदी, वितरण और उत्पादन प्रक्रिया को रोक दिया है। DPI ने यह फैसला इसलिए भी किया है ताकि केंद्र की योजना में नियमों का पालन भी और महिला स्वसहायता समूहों से यह ख़रीदा जाये।

छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ, सी-मार्ट, स्वसहायता समूहों को रॉ मटेरियल उपलब्ध करवाकर मिलेट्स फ़ूड तैयार करेगा। फिर स्कूलों में वितरण किया जाना था। लेकिन प्रधानमंत्री पोषण आहार योजना को निचले स्तर पर जिम्मेदार अधिकारी पलीता लगा रहे थे। विदित हो कि योजना का स्कूलों के बच्चों को मिलेटस का समुचित लाभ समय पर तो नहीं मिला। उलटा यह कि मिलेट्स की खरीदी, तैयार उत्पाद और वितरण में भी गंभीर गड़बड़ियां बरती गई।

इसका खुलासा होते ही आला अधिकारीयों ने एहतियातन योजना को केंद्र सरकार के निर्धारित नियमों के तहत करने के लिए फ़िलहाल पूरी प्रक्रिया को रोकने की तैयारी में हैं। बताते हैं कि अब तक नियम विरुद्ध मांग के साथ वितरण, उत्पादन में बरती गई चूक गरियाबंद समेत 4 जिलों की स्कूलों में उजागर हुआ है। इसलिए डीपीआई अब केंद्र के निर्देशों के तहत इस योजना को लागु करना सुनिश्चित करने के लिए फिर से कवायद करने आदेश जारी करेगा।

यह है केंद्र का मिलेट्स कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में स्कूली बच्चों को सप्ताह में चार दिन कोदो-कुटकी और रागी से बना व्यंजन खिलाया जाना है तक़रीबन 30 करोड़ रूपये की मिलेटस योजना छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत की गई है। स्कूलों के मध्यान्ह भोजन-मिड डे मील योजना में मोटे अनाजों से बने व्यंजनों को शामिल किया गया है। इससे पहले स्कूलों में सोया चिक्की वितरण किया जा रहा था। इस फैसले से राज्य सरकार के मिलेट मिशन को रफ्तार मिलने की उम्मीद थी। मिलेट्स मिशन शुरू होने पर सरकार ने आंगनबाड़ी, मिड-डे-मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली में इस सुपर फूड को शामिल करने पर जोर दिया है, लेकिन स्कूलों में केंद्र की प्रधानमंत्री पोषण योजना के नियम-निर्देशों को ताक में रखकर करोड़ों रूपये का खेल कर दिया है। अब जानकारी के बाद डीपीआई, कलेक्टर और सचिवालय स्तर पर इसको लेकर सतर्कता बरतने के बाद मामले को संज्ञान में लिया गया है।

राज्य में मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन हो रहा

बता दें की कोदो, कुटकी-रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन भी किया जा रहा है। इसके अलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9 हजार रुपए की इनपुट सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत स्कूलों में सोया चिक्की वितरण दो साल पहले शुरू हुआ था। पिछले साल प्रदेश के सात जिलों दुर्ग, गरियाबंद, कोरिया, सूरजपुर, रायगढ़, बलौदाबाजार और बलरामपुर में इसका वितरण शुरू हुआ। बाद में इसको बढ़ाया गया। फिर योजना में कुल 12 जिलों की स्कूलों को शामिल किया गया है।

CM भूपेश के कहने पर PM मोदी ने किया था शामिल

दो महीने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक ट्वीट कर कहा था कि “मैंने पत्र लिखकर केंद्र सरकार को मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेट्स शामिल करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे अब मंजूरी मिल गई है. मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूँ. अब राज्य के 12 जिलों में सप्ताह में 4 दिन, सोया चिक्की के स्थान पर मिलेट्स से बने खाद्य पदार्थ स्कूली बच्चों को मिलेंगे।’