बिलासपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अरपा बेसिन में संचालित तमाम सिंचाई परियोजनाओं को समय-सीमा में पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अरपा नदी क्षेत्र के विकास के लिए राशि की कोई कमी नहीं हैं। इसे पुनर्जीवित करने के लिए इससे जुड़े तमाम विभाग आपसी तालमेल के साथ काम करना सुनिश्चित करें ताकि जल्द से जल्द अरपा नदी की प्यास बुझाकर इसे पूर्व की तरह बारहमासी नदी में तब्दील किया जा सके। मुख्यमंत्री ने भेंट मुलाकात के दौरान बिलासपुर में आज अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नदी को पुनःजीवित करने के लिए शासकीय प्रयासों के साथ जनसहभागिता भी जरूरी हैं।

उल्लेखनीय है कि अरपा नदी जलग्रहण क्षेत्र का संपूर्ण विकास के लिए अगस्त 2021 में नये स्वरूप में अरपा बेसीन विकास प्राधिकरण का गठन किया गया है। वैज्ञानिक आधार पर ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया जायेगा जिससे नदी में बारहों महीने पानी बहती रहे। प्राधिकरण के क्षेत्र में बिलासपुर सहित जीपीएम, मुंगेली और कोरबा जिले की 625 गांव शामिल हैं। इन ग्रामों की 3,634 वर्ग किलोमीटर इसके जलग्रहण क्षेत्र में शामिल हैं। अरपा एवं इसकी सहायक नदियों में जल संसाधन विभाग द्वारा छोटी बड़ी मिलाकर 116 योजनाएं संचालित हैं, इनकी रूपांकित सिंचाई क्षमता 86 हजार 605 हेक्टेयर है।

अरपा नदी को जीवंत बनाए रखने के लिए फिलहाल 3 बैराज परियोजनाएं प्रगति पर हैं। इनमें अरपा भैंसाझार, शिवघाट व पचरीघाट शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2023-24 के बजट में छपरा टोला सहित 9 योजनाएं मंजूर की गई हैं। इन योजनाओं से अरपा में पानी छोड़कर पुनर्जीवित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्राधिकरण में चल रहे विकास कार्याें का प्रस्तुतीकरण देखा। उन्होेंने कहा कि शहर से लगे अरपा नदी में निर्माणाधीन शिवघाट बैराज को जून माह के अंत तक अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। इस बैराज के बन जाने से शहर की जल समस्या काफी हद तक दूर होगी। बैठक में अरपा विकास प्राधिकरण के सदस्य महेश दुबे, नरेन्द्र बोलर, आशा पाण्डेय भी उपस्थित थी। अरपा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभय नारायण राय ने स्वागत उद्बोधन दिया।

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