चेन्नई। शराब का अवैध कारोबार देश के कई राज्यों में काफी फल-फूल रहा है। प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण अवैध कारोबारियों द्वारा अधिक मुनानफा कमाने के चक्कर में शराब को अब जहरीली बनाकर बेच दिया गया जिससे शराब के शौकीनों की जान चली गई। जहरीली शराब से तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में तीन महिलाओं सहित 10 लोगों की मौत हो गई है और 14 अन्य लोगों की हालत गंभीर है।

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 15 से अधिक लोगों ने जहरीली शराब का सेवन किया था, जिसमें ज्यादातर एक्कियारकुप्पम के तटीय गांव के मछुआरे थे। इन लोगों ने शराब का सेवन शनिवार और रविवार के बीच किया। आज सुबह जहरीली शराब पीने वाले लोगों को उल्टी एंव बेहोशी होने लगी।

बाद में इन्हें मुंडियामबक्कम के विल्लुपुरम सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल, पुडुचेरी के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) और पांडिचेरी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआइएमएस) ले जाया गया, जहां तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। इसके बाद दिन में एक व्यक्ति की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गयी। शाम को एक बुजुर्ग महिला ने विल्लुपुरम सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। जिससे मरने वालों की संख्या पांच हो गयी। रिपोर्ट के अनुसार अभी तक कुछ मृतकों की पहचान शंकर (50) सुरेश (60) , दारानीवेल (50) राजामूर्ति (55) और मलारविझी के रुप में हुई। कम से कम 14 लोगों को तीन अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।  

इस बीच, मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने मौतों पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक परिवार के सदस्यों को 10 लाख रुपये और अस्पतालों में इलाज करा रहे प्रत्येक व्यक्ति को 50,000 रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की।  

उन्होंने कहा कि मरक्कनम पुलिस थाने के इंस्पेक्टर अरुल वदिवाझगन, सब-इंस्पेक्टर दीपन, निषेध प्रवर्तन विंग इंस्पेक्टर मारिया सोफी मंजुला और सब-इंस्पेक्टर शिवगुरुनाथन को निलंबित कर दिया गया है। स्टालिन ने कहा कि अवैध शराब बेचने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और घटना के संबंध में शेष आरोपियों को पकड़ने के लिए तलाश जारी है।  जिला पुलिस अधीक्षक एन. श्रीनाथ ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि घटना के संबंध में जांच की जा रही है। मृतकों के शव पोस्टमाटर्म के बाद परिजनों को सौंप दिए गए।