टीआरपी डेस्क। विदेशों में भारत की दवाएं अमानक मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने नई नीति तैयार की है। इस नीति में डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड से भी सुझाव लिए गए हैं।

टीआरपी डेस्क। विदेशों में भारत की दवाएं अमानक मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने नई नीति तैयार की है। इस नीति में डायरेक्टर जनरल फॉरेन ट्रेड से भी सुझाव लिए गए हैं।

विदेश में दवाएं भेजने से पहले दवाई की टेस्टिंग रीजनल या सेंट्रल ड्रग टेस्टिंग लैब में की जाएगी। इस आइडिया पर फिलहाल गंभीरता से विचार किया जा रहा है। गांबिया, उज़्बेकिस्तान, अमेरिका जैसे देशों में भारतीय दवाई पर उठे सवाल के बाद नई नीति पर गंभीरता से विचार हो रहा है। अब तक export license लेने के बाद कंपनियां सीधे विदेशों में दवाई का निर्यात करती थीं और दवाइयों की क्वालिटी चेक नहीं होती थी, लेकिन अब दवाओं की क्वालिटी चेक करने के बाद ही निर्यात हो सकेगा।

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा गाम्बिया में बच्चों की मौत से जुड़ी एक भारतीय फर्म द्वारा बनाए गए चार कफ सिरप पर अलर्ट जारी किया गया था और इन सीरप को खतरनाक बताया गया था। डब्ल्यूएचओ ने 29 सितंबर को भारत में नियामक को सूचित किया था। इसके बाद परीक्षण किए गए 23 नमूनों में से 4 में डायथिलीन ग्लाइकोल/एथिलीन ग्लाइकोल पाया गया था। इस घटना के बाद भारत ने कप सीरप बनाने वाली कंपनियों के प्रोडक्ट की क्वालिटी चेकिंग की थी और कुछ कंपनियों की दवाओं पर रोक भी लगाई थी।

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