श्रीनगर। श्रीनगर में 22 मई से जी-20 शिखर सम्मेलन शुरू हो रहा है। ऐसे में पूरे विश्व की नजरें इस सम्मेलन पर टिकी है। जी-20 सम्मेलन के दौरान पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी भी जम्मू-कश्मीर में किसी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है ताकि वे भी जम्मू-कश्मीर में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सके। केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच 22 मई से तीसरे जी20 पर्यटन कार्य समूह के लिए तैयार हो रही है।

जम्मू-कश्मीर की विशेष दर्जा 2019 में खत्म हो जाने और तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के बाद से यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय आयोजन है। जी20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन और अमेरिकी देशों का समूह शामिल हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि तीन देशों, चीन, तुर्की और सऊदी अरब ने कश्मीर में तीन दिवसीय जी20 कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शुक्रवार तक पंजीकरण नहीं कराया था। जी20 सम्मेलन को शांतिपूर्ण तरीके से संपूर्ण करने के लिए, श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि डल झील के किनारे स्थित एसकेआईसीसी का नवीनीकरण किया गया है। स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के तहत कार्यक्रम स्थल तक जाने वाली सड़क का सौंदर्यीकरण किया गया है। सूत्रों ने कहा कि प्रतिनिधियों की गुलमर्ग यात्रा की योजना रद्द हो सकती है।