कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा संबलपुरी हथकरघा परंपरा की साड़ी प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। कलिंगा विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. संदीप गांधी ने छात्र कल्याण विभाग की डीन डॉ. जैस्मीन जोशी और कलिंगा विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों की उपस्थिति में प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

समलाई हथकरघा के श्री एम प्रसाद मेहर और श्रीमती सारिका मेहर ने पश्चिमी उड़ीसा के संबलपुर बरगढ़ क्षेत्र के बुनाई समुदाय के 75 गरीब सदस्यों का समर्थन करने की पहल की है । पारंपरिक बुनाई प्रक्रिया और संबलपुर की कला को बढ़ावा देकर, संबलपुरी हथकरघा की विरासत माने जाने वाली समलाई ब्रांड के तहत ओड़िशा की हाथ से बुनी गई श्रेष्ठ कृतियों को प्रदर्शित किया।

प्रदर्शनी के दौरान बड़ी संख्या में शिक्षकों व कर्मचारियों ने साड़ियो का निरिक्षण किया और उनकी सराहना की। इस प्रदर्शनी में खंडुआ, सोनपुरी, पसापल्ली, डोंगरिया, टसर फैब्रिक, गीतागोबिंद पाटा बस्त्र, सिमनोई, बोम्काई, पितलकॉटन, हबसपुरी, कोटपाड़, धलापहाड़ परदा, बेरहामपुरी पाटा जोड़ा सहित और अन्य कई साड़ियां प्रदर्शित की गईं।

प्रदर्शनी स्थल पर प्रोजेक्टर का उपयोग करते हुए ऑडियो-विजुअल के माध्यम से हाथ से बुनाई की प्रक्रिया प्रदर्शित की गयी। संकाय सदस्यों ने प्रदर्शनी के दौरान प्रस्तुत सुन्दर रंगों और जटिल पैटर्न की सराहना की। उनमें से कई संकाय सदस्यों ने बड़ी संख्या में हथकरघा साड़ियां खरीदकर बुनकरों का समर्थन किया। पारंपरिक कला और बुनकर समुदाय के लिए इस तरह की सराहना देखना अद्भुत अनुभव रहा।