Former Collector Rps Tyagi Joined Bjp - पूर्व IAS त्यागी ने त्याग दी CONG.अब BJP के साथ
Former Collector Rps Tyagi Joined Bjp - पूर्व IAS त्यागी ने त्याग दी CONG.अब BJP के साथ

विशेष संवादाता

रायपुर। नौकरशाही, राजनीति और सेवा भावना एक दूसरे के पूरक हैं। बशर्ते सभी निःस्वार्थ भाव से किया जाये, लेकिन पहले अफसरशाही का स्वाद चखने के पश्चात् ऐन रिटायरमेंट के वक्त कांग्रेस पर एतबार कर सियासत के जरिये आवाम की तीमारदारी का जज्बा लेकर आये पूर्व IAS आरपीएस त्यागी ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। उन्होंने अब जनता की सेवा के लिए भारतीय जनता पार्टी को अपना लिया है। उनके इतने जल्दी पाला बदलने के पीछे की वजह जन सेवा बताई जाती है। सनद रहे जनसेवा के लिए औहदा होना भी ज़रूरी है और उनकी मंशा कांग्रेस में पूरी नहीं हुई तो उन्होंने बीजेपी को चुन लिया है। श्री त्यागी पहले थामा कांग्रेस का हाथ थामे थे टिकिट नहीं मिली तो अब बीजेपी का दामन थाम लिए और अपने हाथ में कमल थम चुके है।

बता दें छत्तीसगढ़ में नौकरशाहों का सेवाकाल के अंतिम आते तक प्रशासनिक तंत्र से मोहभंग होता जा रहा है। हालांकि रायपुर के पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ऐसे एकमात्र IAS हैं जिन्होंने बड़ी जल्दी राजतंत्र की राह में चल निकले। लेकिन पूर्व कलेक्टर आरपीएस त्यागी ऐसे IAS हैं जो इतनी जल्दी दाल बदल किये हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया की मौजूदगी में आरपीएस त्यागी ने कांग्रेस प्रवेश किया था। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री और विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे। उनकी उस वक्त की तस्वीर और आज बीजेपी प्रवेश की फोटो खूब वायरल हो रही है।

त्यागी ने कांग्रेस प्रवेश के वक्त यह कहा था

नेता बनने के बाद त्यागी ने कहा कि वे बिना शर्त कांग्रेस में आए हैं। उस वक्त इस बात की चर्चा थी कि त्यागी की कोरबा या कटघोरा विधानसभा सीट से दावेदारी होगी। त्यागी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के सामने पार्टी की सदस्यता ली। त्यागी का कहना था कि सरकारी सेवा में जनसेवा का संकल्प होता है, वह राजनीति में रहकर भी किया जा सकता है। उन्होंने कहा था कि लोकतंत्र में यही तो विशेषता है कि पद छोड़कर राजनीति में कदम रखा जा सकता है। त्यागी राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे हैं। 2001 में उन्हें आईएएस अवार्ड हुआ था। धमतरी, कोरबा और जांजगीर के कलेक्टर रहे। राज्य प्रशासनिक सुधार आयोग और स्वास्थ्य विभाग के सचिव भी रहे हैं।