पटना। बिहार में भीषण गर्मी के कारण पारा 40 डिग्री से पार हो गया है जिससे लोगों का बुरा हाल है। भीषण गर्मी के चलते बड़ी संख्या में लोग लू के चपेट में आकर बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में इलाज कराने के लिए मरीज अस्पताल पहुंच रहे लेकिन डाक्टरों के नदारद होने से मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है और मरीज परेशान हो रहे हैं। काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डाक्टरों के गायब रहने की लगातार मिल रही शिकायतों के बीच बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के 60 से अधिक सरकारी चिकित्सकों को कम से कम एक साल या उससे अधिक समय से अनधिकृत अवकाश पर रहने के लिए नोटिस जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों के ऐसे डॉक्टरों के नाम वाला एक नोटिस विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।


कम से कम 1 साल से अनुपस्थित हैं ये डॉक्टर
विभाग ने सूची में शामिल सभी 62 डॉक्टरों को 15 दिनों के भीतर उनकी अनधिकृत अनुपस्थिति के लिए स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने या सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है। अधिकारी ने कहा, यदि निर्धारित समय के भीतर चिकित्सकों से कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यह माना जाएगा कि उनके पास पेश करने के लिए कोई स्पष्टीकरण नहीं है। ऐसी स्थिति में विभाग के पास उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने की शक्ति है।” अधिकारी ने कहा कि जिन चिकित्सकों को नोटिस दिया गया, वे कम से कम एक साल से अनुपस्थित हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो पिछले पांच से छह साल से काम पर नहीं आ रहे हैं।


पटना में सबसे अधिक 14 डॉक्टरों को नोटिस जारी
पटना में सबसे अधिक 14 डॉक्टर हैं, जिन्हें कई वर्षों से अपने कर्तव्यों से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने के कारण नोटिस दिया गया है। साथ ही बक्सर, भोजपुर, रोहतास, जमुई और कैमूर सहित अन्य स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों में तैनात डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है। उल्लेखनीय है कि पिछले जनवरी महीने में बिहार सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों और अस्पतालों में तैनात 64 चिकित्सकों को सेवा से पांच साल से अधिक समय से ‘‘अनधिकृत अनुपस्थिति” के लिए बर्खास्त कर दिया था।