टीआरपी डेस्क। श्री मुनिसुव्रत नाथ दिगम्बर जैन मंदिर अमलतास कैंसल कचना मे आज दिनाँक 18 जून 2023से 21जून 2023तक होने वाली मूल नायक भगवान मुनि सुव्रत नाथ जी की वेदी प्रतिष्ठा के लिए प्रमुख पात्रों का चयन बोलियो के माध्यम से 4 जून 2023 को किया गया।

जिसमें सौधर्म इंद्र बनने का सौभाग्य विनोद कुमार विक्रम कुमार जैन श्री नगर राजिम वाले को प्राप्त हुआ। अन्य पात्रों मे कुबेर इंद्र कुलदीप सिंघई, रायपुर महायज्ञ नायक शरद जैन, शिशिर जैन टैगोर नगर रायपुर बाहुबली कमल चंद, विपिन कुमार अशोका रत्न रायपुर, भरत विनय जैन सीए टैगोर नगर, ईशान इंद्र आशीष सुरेश मोदी रायपुर, महेंद्र इंद्र प्रकाश जैन खमारडीह, सनत इंद्र प्रवीण सीमा जैन हैदराबाद को प्राप्त हुआ।

आज पात्र चयन के पूर्व मंदिर जी मे सर्वप्रथम मुलनायक भगवान की अभिषेक शांति धारा पूजन आरती की गयी। तदुपरान्त आज चौसठ रिद्धि विधान का आयोजन भी किया गया था। जिसमे बड़ी संख्या मे समाज सें धर्म प्रेमी, महिलाये, बच्चे युवा सभी ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आज मंदिर के प्रांगण पर विश्व पर्यावरण दिवस अवसर पर श्री दिगंबर जैन सोशल ग्रुप रायपुर द्वारा मंदिर जी के बगीचे में , सभी चयनित पात्र व सोशल ग्रुप के पदाधिकारी और सदस्यों द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम किया। जिसमे 51 वृक्षों को रोपण किया गया इसमें बादाम, चंदन के फूल, अमरूद, आम, बेल, अशोक आदि शामिल थे।

श्री 1008 मुनि सुब्रत नाथ मंदिर के अध्यक्ष प्रदीप जैन एवं अजित जैन ने बताया की श्री 1008 मुनि सुब्रत नाथ भगवान का मंदिर अमलतास कैंसल कचना मे नवनिर्मित मंदिर है। जो की राजस्थान स्थित बंशी पहाड़ सें लाये गए गुलाबी पत्थरो से निर्मित हो रहा है। जिसकी आयु हजारों वर्षों की होती है इस मंदिर का निर्माण कार्य अचार्य भगवन श्री विद्या सागर जी महाराज के आशीर्वाद से फरवरी 2019 को प्रारंभ हुआ था।

भूमि पूजन का प्रारंभ श्री जय कुमार जी शास्त्री के पावन सानिध्य मे सम्पन्न हुआ था। इसके पश्चात बेदी शिलान्यास का कार्यक्रम श्री 108 अचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य श्री सुयश सागर जी एवं सदभाव सागर जी के पावन सानिध्य में प्रतिष्ठा चार्य श्री अजित शास्त्री के मार्ग दर्शन पर सम्पन्न हुआ। इसके उपरांत शिखर शिलान्यास का कार्यक्रम भी अजीत शास्त्री जी के सानिध्य मे सम्पन्न हुआ। जिसकी भूतल सें ऊंचाई 41फीट है। मुलनायक एवम अन्य भगवानों का पंच कल्याणक आचार्य भगवन के सानिध्य में अमरकंटक मे 25/3/23 से 1/4/23 तक सम्पन्न हुआ। फिर भगवानों को पूर्ण सम्मान के साथ मूल नायक को अमलतास कैसल के मंदिर में विराजमान कर 2/4/23 को भगवान का महा मस्तकाभिषेक किया गया। मुलनायक भगवान मुनि सुव्रत नाथ जी की प्रतिमा काले पत्थर सें निर्मित की गयी है जिसका वजन 700 किलोग्राम है जिसका जिसकी बेदी प्रतिष्ठा 21 जून को होंगी।

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