बेंगलुरु : कर्नाटक हाई कोर्ट ने महिला के शव को रेप करने वाले आरोपी के ऊपर लगे आरोपों को हटा दिया है। बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान माना कि महिला के शव पर यौन हमले को आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का अपराध नहीं होगा। इस फैसले के बाद 21 साल की एक लड़की की हत्या के बाद उसके शव के साथ रेप करने वाले शख्स के ऊपर से बलात्कार के आरोप हटा दिए गए। वहीं कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस आदेश के बाद कहा है कि अब समय आ गया है कि केंद्र सरकार को नेक्रोफिलिया को अपराध बनाने के लिए कानून में संशोधन करने की जरुरत है। Rape On Woman Dead Body

कर्नाटक हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने दोषी रंगराजू की ओर से दाखिल की गई याचिका पर ये फैसला दिया. हालांकि, हाईकोर्ट ने हत्या के आरोप में ट्रायल कोर्ट से दोषी करार होने पर रंगराजू को मिले आजीवन कारावास के फैसले को बरकरार रखा है।

नहीं कहा जा सकता रेप का मामला- हाईकोर्ट
हाईकोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धारा 375 और 377 को सावधानी के साथ पढ़ने के बाद साफ है कि शव को इंसान या शख्स नहीं कहा जा सकता है। इसके चलते आईपीसी की धारा 375 और 377 मामले में नहीं लगेंगे. हाईकोर्ट ने कहा कि ये मामला दोषी की ओर से हत्या के बाद शव के साथ रेप करने से जुड़ा है।

डिवीजन बेंच की ओर से कहा गया कि इसके चलते आईपीसी की धारा 375 और 377 के तहत अपराध इस पर लागू नहीं होंगे। ये नेक्रोफीलिया का मामला है और आईपीसी 376 के तहत सजा नहीं दी जा सकती है। हालांकि, इसी के साथ कर्नाटक हाईकोर्ट ने सरकार से इस कानून में बदलाव कर ऐसे मामलों में सजा दिए जाने की सिफारिश की।