BHUPESH BHENT

रायपुर। इस राशि में 16 मई से 31 मई तक गौठानों में क्रय किए गए  गोबर के एवज में ग्रामीण पशुपालकों को भुगतान की जा रही 4.91 करोड़ रूपए तथा गौठान समितियों को 8.98 करोड़ एवं स्व-सहायता समूहों को 6.29 करोड़ रूपए की लाभांश राशि तथा गौठान समितियों ने पदाधिकारियों के मानदेय की राशि 1.13 करोड़ रुपए की राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को इस राशि को मिलाकर अब तक 538 करोड़ 89 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

बता दें कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 15 मई 2023 की स्थिति में 518 करोड़ 71 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ शासन की सर्वाधिक लोकप्रिय योजनाओं में से एक गोधन न्याय योजना की शुरुआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व पर हुई थी। इस योजना के तहत गौठानों में ग्रामीण पशुपालकों से 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी और 4 रुपए लीटर में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। 

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