इंफाल: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा नहीं थम रही रही. ताजा घटना में बीती रात भीड़ ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह (RK Ranjan Singh) के इंफाल के कोंगबा स्थित घर पर आग लगा दी. अधिकारियों के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे. इतना ही नहीं उपद्रवियों ने न्यू चेकऑन में भी दो घरों में आग लगा दी. जिसके बाद सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े. इससे पहले 14 जून को इंफाल के लाम्फेल इलाके में अज्ञात लोगों ने महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास पर भी आग लगा दी थी.

घटना पर केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा- मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख होता है. मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा. इस तरह की हिंसा में लिप्त लोग बिल्कुल अमानवीय हैं. मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं. शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ. बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के निचले और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया है.

पूर्वोत्तर राज्य में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सुरक्षाकर्मी लगातार प्रभावित इलाकों में गश्त कर रहे हैं.बता दें कि मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा भड़क उठी थी.

एक महीने पहले जातीय हिंसा भड़कने के बाद से अब तक लगभग 100 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं.मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मैतेई समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं.