नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव को लेकर ममता सरकार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती के संबंध में कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है, जिसमें कहा गया था कि राज्य के हर जिले में केंद्रीय बलों की तैनाती की जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार पर सख्त टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि चुनाव कराना, हिंसा कराने का लाइसेंस नहीं है। पंचायत चुनाव में केंद्रीय बल की तैनाती के खिलाफ राज्य सरकार और बंगाल चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा है कि चुनाव प्रबंधन हिंसा का लाइसेंस नहीं देता है।

बता दें कि पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनावों के मद्देनजर कलकत्ता हाईकोर्ट ने 48 घंटे के भीतर हर जिले में केंद्रीय सुरक्षा बलों की तैनाती का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

हाई कोर्ट ने 15 जून को आयोग को निर्देश दिया था कि पंचायत चुनाव के लिए पूरे पश्चिम बंगाल में केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए 48 घंटे के अंदर मांग की जाए और उनकी तैनाती की जाए। उच्च न्यायालय ने राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया था कि राज्य के उन सभी जिलों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग की जाए जहां आठ जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान हिंसा भड़क गयी थी।

8 जुलाई को होंगे पंचायत चुनाव

राज्य चुनाव आयोग ने आठ जून को पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव का ऐलान किया था। पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव होंगे। वहीं, 11 जुलाई को वोटों की गिनती होगी। आठ जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव में करीब 74,000 सीटों के लिए कुल 2,36,464 नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं।

तृणमूल कांग्रेस की ओर से 85,817 नामांकन पत्र दाखिल किये गये हैं, वहीं बीजेपी 56,321 उम्मीदवारों के साथ दूसरे स्थान पर है। माकपा की ओर से 48,646 उम्मीदवारों ने और कांग्रेस की ओर से 17,750 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है।