रायपुर। देश में आनुवांशिक बीमारी सिकलसेल को दूर करने केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन की शुरूआत की जा रही है। वर्ष 2047 तक सिकलसेल को खत्म करने करने देश के 17 राज्यों के 278 जिलों में यह मिशन संचालित किया जाएगा। इस मिशन में छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों को शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 27 जून को मध्यप्रदेश के शहडोल में राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ करेंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रायपुर के राजा तालाब स्थित हमर अस्पताल से वीडियो कॉन्फ्रेंस से कार्यक्रम से जुड़ेंगे। वे हमर अस्पताल में स्थानीय लाभार्थियों को सिकलसेल जेनेटिक स्टेटस कार्ड भी बाटेंगे।

स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. खेमराज सोनवानी ने बताया कि, सिकलसेल के उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन प्रारंभ किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सिकलसेल रोग से उत्पन्न गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करना है। यह मिशन वर्ष 2047 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सिकलसेल को खत्म करने के सरकार के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसे 17 राज्यों के 278 जिलों में लागू किया जा रहा है। डॉ. सोनवानी ने बताया कि गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तरप्रदेश, केरल, बिहार और उत्तराखंड को राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन में शामिल किया गया है। मिशन के अंतर्गत विकासखंडवार लोगों को सिकलसेल के कारण और बचाव के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही जरूरी जांच और इलाज भी मुहैया कराया जाएगा।

नोट – खबर प्रकाशित होने के एक घंटे बाद शासन की ओर से राष्ट्रीय सिकलसेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।