AICC बैठक में CG. PCC - खरगे की अध्यक्षता में सत्ता-संगठन की बैठक व्यवस्था और हावभाव से लगा बदलाव होगा...!
AICC बैठक में CG. PCC - खरगे की अध्यक्षता में सत्ता-संगठन की बैठक व्यवस्था और हावभाव से लगा बदलाव होगा...!

विशेष संवादाता

रायपुर/नई दिल्ली। आखिरकार कांग्रेस आलाकमान को छत्तीसगढ़ की सत्ता और संगठन से मुखातिब होना ही पड़ा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में बुलाई गई इस बैठक का मजमून चुनावी काम संगठनात्मक संघर्षों को लेकर साफ दिखा। मीटिंग की बैठक व्यवस्था, सत्ता-संगठन के पैरोकार नेताओं के हावभाव से साफ झलक रहा था कि संगठन में बड़ा बदलाव होगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक बैठक शुरू होने से पहले और बाद में भी AICC नेताओं ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम को उनके सफल कार्यकाल के 4 वर्ष पुरे होने पर बधाई भी दिए।

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे के साथ राहुल गांधी बैठे थे और राहुल की दायीं तरफ में छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी सेलजा थीं। अध्यक्ष खरगे की बायीं ओर केसी. वेणुगोपाल बैठे थे। बैठक में उपस्थित सभी आला नेताओं के चेहरे में गंभीरता और विधानसभा चुनाव से पूर्व सत्ता-संगठन और समन्वय को लेकर चिंता भी थी। इसी तरह CM भूपेश बघेल और PCC चीफ आमने-सामने बैठे थे। CM भूपेश बघेल के साथ विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, टीएस सिंहदेव, मोहम्मद अकबर, जयसिंह अग्रवाल, कवासी लखमा आदि थे तो मोहन मरकाम संग गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, शिव कुमार डहरिया, धनेन्द्र साहू, सत्यनारायण शर्मा एवं अन्य पार्टी नेता बैठे थे।

इसी से कयास लगाया जा रहा कि छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस अपने संगठन को लेकर कोई बड़ा फैसला कर सकती है। कांग्रेस मुख्‍यालय मे छत्‍तीसगढ़ सरकार और संगठन के आला नेताओं की नै जिम्मेदारियां, चुनावी रणनीति और प्रभावी फेरबदल पर फैसला लिया जा सकता है। चर्चा है कि इस बैठक में पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र प्रदेश संगठन में बदलाव को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती है। बताते हैं कि अब तक की शिकवा-शिकायतों और खुद की सरकार को कटघरे में लेन वाले बयानवीर नेताओं से AICC के आला नेताओं को अवगत कराया गया है।

क्‍या छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस को मिल सकता है नया प्रदेश अध्‍यक्ष

मोहन मरकाम को प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल के 4 वर्ष पुरे होने पर शुभकामनाएं देने की होड़ मच गई है। बताते हैं की पीसीसी चीफ का कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है पर विशेष परिस्थितियों में कार्यकाल बढ़ाया भी जाता है। इधर बैठक शुरू होने से पूर्व ही प्रदेश कांग्रेस में नए अध्‍यक्ष की नियुक्ति को लेकर भी चर्चा गर्म है, लेकिन पार्टी के नेता इसे खारिज कर रहे हैं। पार्टी सूत्र की मानें और अगर बदलाव हुआ भी तो नए पीसीसी चीफ सांसद दीपक बैज को पहली पसंद के तौर पर माना जा रहा है। वैसे बैज दिल्ली की पसंद हैं और हामी प्रदेश के दिग्गज भी भरेंगे अगर वक्त आया तब। पार्टी के उच्‍च पदस्‍थ सूत्रों के अनुसार विधानसभा का चुनाव सिर पर है, ऐसे में पार्टी प्रदेश अध्‍यक्ष बदलने का जोखिम नहीं उठाएगी। अलबत्‍ता गुटों को साधने के लिए कुछ नई नियुक्तियां हो सकती है। इनमें कार्यकारी अध्‍यक्ष के पद अहम है।