नई दिल्ली : देश की राजधनी दिल्ली समेत उत्तर भारत में बारिश आफत बना हुआ है। देश के कई राज्यों में रेड अलर्ट जारी है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोनवार को मंत्रियों और अधिकारीयों की बैठक ली है। बैठक में उत्तर भारत में आए बाढ़ का जायजा लिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों से बात की। उन्होंने भारत के कुछ हिस्सों में अत्यधिक बारिश के मद्देनजर स्थिति का जायजा लिया। पीएम ने यह जाना कि प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें किस तरह काम कर रहीं हैं। पीएम ने राहत और बचाव अभियान को लेकर मंत्रियों और अधिकारियों को निर्देश दिए।

PM @narendramodi spoke to senior Ministers and officials, and took stock of the situation in the wake of excessive rainfall in parts of India. Local administrations, NDRF and SDRF teams are working to ensure the well-being of those affected.
— PMO India (@PMOIndia) July 10, 2023
बारिश की बात करें तो दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश, और उत्तर प्रदेश में हादसे ही हो रहे हैं। भारी बारिश की बात करें तो सिर्फ यूपी में बीते 24 घंटे में 36 लोगों की मौत हुई है। वहीं देश की राजधानी दिल्ली,हिमाचल प्रदेश, हरियाणा,उत्तराखंड में भी कई हादसे हुए हैं। कुछ राज्यों में भारी बारिश के चलते लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान आने जाने के साथ ही खाने पीने को लेकर दिक्कत हो रही है।
भूस्खलन और बाढ़ से हुई है 22 लोगों की मौत
उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश के चलते हुए भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के चलते कम से कम 22 लोगों की मौत हुई है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में रिकॉर्ड बारिश हुई है। इसके चलते स्कूलों को बंद करना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश में नदियों के उफनाने से लोग फंस गए हैं। केरल के त्रिशूर के 17 मेडिकल छात्र हिमाचल में फंस गए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 700 से अधिक सड़कें हुईं बंद
पिछले 36 घंटों में हिमाचल प्रदेश में 14 बड़े भूस्खलन हुए हैं और 13 फ्लैस फ्लड आए हैं। इनके चलते 700 से अधिक सड़कें बंद हो गई हैं। अचानक आई बाढ़ के कारण एक पुल ढह गया और कई घर बह गए। लगातार बारिश के कारण सड़कों और पुलों पर फंसे लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली में भी सड़कें जलमग्न हो गईं हैं। नावों की मदद से जलजमाव प्रभावित इलाकों से लोगों को घरों से निकाला जा रहा है।