नई दिल्ली : उत्तर भारत में मूसलाधार बारिश ने सभी को चिंता में डाल दिया है। दिल्ली से लेकर उत्तराखंड तक मानसून से बाढ़ का मंजर देखने को मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में 72 घंटे से ज्यादा की मूसलाधार बारिश से हाहाकार मचा हुआ है। चंडीगढ़ में भारी बरसात से आपातकाल कि स्थिति बन रही है। दिल्ली में यमुना से सटे यमुना बाजार इलाके में जलस्तर बढ़ने से घरों के अंदर पानी घुस गया है। कुछ लोगों का सामान भी डूब गया है। लोगों का कहना है कि आज सुबह एकाएक पानी घरों में आ गया था, जिसके बाद अब वह यहां से निकलने की तैयारी कर रहे हैं। दो दिन के भीतर हिमाचल प्रदेश 21 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आठ और लोगों की मौत हो गई है जबकि छह उफनती नदियों और नालों में बह गए हैं। बीते 24 जून को हिमाचल पहुंचा मानसून अब तक 63 लोगों की जान ले चुका है।

चंडीगढ़ में आपातकाल जैसी स्थिति
चंडीगढ़ में साल में औसतन 1038 एमएम बारिश होती है, लेकिन शनिवार सुबह 8.30 बजे से लेकर सोमवार शाम 5.30 बजे के बीच ही 508.4 एमएम बारिश हुई है। यह पूरे साल की बारिश का करीब 50 फीसदी कोटा है। 57 घंटे में इतनी बारिश झेलकर शहर कराह उठा। मौसम विभाग ने अगले दो दिन भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालात न बिगड़े इसके लिए प्रशासन ने सभी डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की छुट्टी रद्द कर दी है। कम्युनिटी सेंटर और एनडीआरएफ की टीम स्टैंडबाय पर रखी गई है। भाखड़ा से आने वाली पानी की दो लाइनें बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं इसलिए शहर में पानी की सप्लाई का समय घटा दिया गया है।

उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद गंगनानी के पास भूस्खलन
उत्तराखंड में आज भी मौसम खराब बना हुआ है। देर रात गंगोत्री हाईवे बंद होने के कारण यात्रियों के वाहन गंगनानी के समीप खड़े थे। तभी अचानक भूस्खलन हो गया और पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा एक टेम्पो ट्रेवल्स सहित तीन वाहनों पर गिर गया। मलबे में तीन वाहन दब गए। जिसमें एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई। सभी यात्री मध्य प्रदेश के बताए जा रहे हैं। वहीं, अभी तक सात घायलों को अस्पताल भेजा गया है।

अंबाला में बाढ़ जैसे हालात, चीजों की आपूर्ति ठप
पहाड़ों से आ रहे पानी और भारी बरसात की वजह से अंबाला में बाढ़ जैसे हालात हैं। अंबाला शहर और कैंट का कोई भी ऐसा इलाका नहीं, जो 4 से 5 फीट तक पानी में ना डूबा हो. घग्गर नदी और टांगरी नदी भी उफान पर हैं। टांगरी नदी के बांध में रिसाव के कारण हाईवे पर पानी आ गया था, जिससे हाईवे को बंद करना पड़ा था। हर मोहल्ले में 5 फीट तक पानी भरे होने की वजह से दूध ब्रेड सब्जी जैसी रोजाना की जरूरी चीजों की आपूर्ति बंद है। एनडीआरएफ ने करीब 1000 लोगों को रेस्क्यू कराया है। सेना की मदद ली गई है। फिलहाल 36 घंटे में 261 मिलीमीटर बारिश की वजह से अंबाला में बाढ़ जैसे हालात हैं।

चीन सीमा क्षेत्र के जोशीमठ-मलारी हाईवे पर जुम्मा में पुल बहा
भारी बारिश के बाद मंगलवार सुबह उत्तराखंड में चीन सीमा क्षेत्र के जोशीमठ-मलारी हाईवे पर जुम्मा में पुल बह गया। जिस कारण सीमा क्षेत्र में स्थानीय लोगों के साथ ही सेना के जवानों की आवाजाही भी रुक गई है। साथ ही नीति घाटी का देश दुनिया से संपर्क टूट गया है।