नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ों यात्रा 2 जल्द ही शुरू होने वाली है। दूसरी बार शुरू होने जा रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा उन राज्यों में ज्यादा फोकस करेगी जहां पर भाजपा की सरकार है और इसी साल विधानसभा के चुनाव होंगे। इस भारत जोड़ो यात्रा 2 के संयोजक दिग्विजय सिंह है जो यात्रा को लेकर रणनीति बना रहे है। ये यात्रा इतनी अहम इसलिए है क्योंकि विपक्षी मोर्चा इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के गठन के बाद इसे निकाला जाएगा। ऐसे में राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली जाने वाली भारत जोड़ो यात्रा काफी अहम मानी जा रही है। हालांकि अब तक ये सामने नहीं आया है कि ये भारत जोड़ो यात्रा कब से कबतक निकाली जाएगी। इस बार माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी के फोकस में उत्तर प्रदेश रहने वाला है जिसपर यात्रा के पहले चरण के दौरान अधिक ध्यान नहीं दिया गया था।

इस यात्रा को लेकर रणनीति कांग्रेस के दिग्गज नेता और यात्रा के संयोजक दिग्विजय सिंह ने बनाई है। कांग्रेस की कोशिश है कि यूपी के इस इलाके में लोकसभा की 24 सीटों पर अपनी पकड़ को मजबूत किया जा सके। इस यात्रा को राहुल गांधी के निर्देश पर शुरू किया जाना है।बता दें कि इस यात्रा में राहुल गांधी अकेले नहीं होंगे। इस बार उनके साथ विपक्षी मोर्चा इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के साथी भी होंगे। इसमें कई नेताओं के नाम सामने आए हैं जो भारत जोड़ो यात्रा दो का हिस्सा हो सकते है। इसमें समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी राहुल गांधी के साथ नजर आ सकते है।


इन तारीखों से हो सकती है शुरुआत
कांग्रेस इस यात्रा को स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, 12 सितंबर और गांधी जयंती 2 अक्टूबर से शुरू करने पर विचार कर रही है। हालांकि राहुल गांधी 15 अगस्त से इस यात्रा को निकालने की इच्छा जाहिर कर चुके है। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फोकस कर रही है क्योंकि 2019 में पश्चिमी यूपी से ही सबसे ज्यादा सीटें हारी थी। इन सीटों में सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, रामपुर शामिल है। ऐसे में भाजपा इन सीटों पर अपनी पकड़ो को मजबूत करने की कोशिश कर रही है वहीं कांग्रेस भी इस इलाके में मजबूती लाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद से एंट्री हुई थी। ये यात्रा बाहर से होते हुए शामली और बागपत पहुंची थी जहां से यात्रा निकाली गई थी।

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