जगदलपुर। स्वतंत्रता दिवस समारोह के मद्देनजर छत्तीसगढ़ के बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। आंध्रप्रदेश-महाराष्ट, उड़ीसा सीमा पर अर्धसैनिक बल तैनात हैं और आने जाने वालों की निगरानी भी की जा रही है। इस सुरक्षा में हेलिकाप्टर और ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है, क्योंकि नक्सलियों ने बैनर पोस्टर लगाकर स्वतंत्रता दिवस का बहिष्कार का ऐलान किया है। इस पर्व के लिए ग्रामीण बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं और 6 नई जगहों पर पहली बार तिरंगा झंडा फहराया जाएगा।

बस्तर के पुलिस महानिरीक्षक सुंदर राज पी ने बताया कि, इस सुरक्षा में जिला रिजर्व पुलिस बल, स्पेशल टाक्स फोर्स, कोबरा बटालियन और केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों पर लगातार अंदरूनी और सीमावर्ती क्षेत्र में गश्त अभियान तेज कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में नए कैंप स्थापित में गणतंत्र और स्वतंत्रता दिवस के आयोजन में ग्रामीणों, स्कूली बच्चों को भी सम्मिलित करते हैं। इससे बल और ग्रामीणों के बीच सामंजस्य बढ़ रहा है।

पहली बार इन जगहों पर फहराया जाएगा तिरंगा
उन्होंने कहा कि, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में सुरक्षा और शांति स्थापित करने सुरक्षा बल के कैंप को समेकित विकास केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। इन कैंपों से ग्रामीणों को राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, वन अधिकार पट्टे बांटे जा रहे हैं। इससे ग्रामीणों का भरोसा भी सुरक्षा बल पर बढ़ा है। कैंप की स्थापना के बाद पुल-पुलिया, सड़कों का निर्माण भी किया जा रहा है, जिससे ग्रामीण अब मुख्यधारा से जुड़ने लगे हैं। वहीं, सुकमा जिले में सीआरपीएफ के डब्बामरका, डब्बाकोंटा, पिडमेल, जगरगुंडा के पास बेदरे, बीजापुर जिले के पुंडेर, सिलगेर, हिरोली, पुसनार बुर्जी, तिमेनार, नम्बी, चिन्नागेलूर कैंप सहित अबूझमाड़ से सटे कोंडागांव जिले के छत्तीसगढ़ आर्म्स फोर्स के नए स्थापित कैंप कावड़गांव, कुदुर और बस्तर जिले के कांटाबास में पहली बार तिरंगा फहराने की तैयारी है।

400 से अधिक गांव में स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी
इधर, सुरक्षा बल की ओर से बस्तर में नक्सलियों के आधार क्षेत्र में 80 से अधिक कैंप के आसपास 400 से अधिक गांव में स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी है। एक लाख तिरंगा फहराने का लक्ष्य लेकर सुरक्षा बल के जवान अंदरूनी गांव में तिरंगा यात्रा निकाल कर ग्रामीणों को घर-घर जाकर तिरंगे का महत्व समझा रहे हैं। ग्रामीण भी इससे उत्साहित दिखाई दे रहे हैं। इसमें विगत दो वर्ष में नए स्थापित 60 से अधिक सुरक्षा कैंप में सुरक्षा बल के जवान ग्रामीणों के साथ मिलकर जन-गण-मन को स्थापित करेंगे।