नेशनल डेस्क। इसरो ने बुधवार को अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचते हुए चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ से लैस ‘एलएम’ की सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग कराई। भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ।

मन पर क्या बीती, इसका वर्णन करना बहुत कठिन : इसरो चीफ

वहीं इस सफलता के बाद इसरो चीफ ने अपनी फीलींग को व्यक्त करते हुए बताया कि मन पर क्या बीती, इसका वर्णन करना बहुत कठिन है। यह खुशी हो सकती है, यह उपलब्धि का सार हो सकता है और योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देना हो सकता है।

<blockquote class=”twitter-tweet”><p lang=”en” dir=”ltr”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> ISRO chief S Somanath on Aditya L-1 and Gaganyaan mission<br><br>&quot;Aditya mission to the Sun &amp; it is getting ready for launch in September. Gaganyaan is still a work in progress. We will do a mission possibly by the end of September or October to demonstrate the crew module &amp;… <a href=”https://t.co/9LVoWMJHX3″>pic.twitter.com/9LVoWMJHX3</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href=”https://twitter.com/ANI/status/1694606442471522491?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 24, 2023</a></blockquote> <script async src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” charset=”utf-8″></script>

इसके अलावा, आदित्य- एल1 और गगयान मिशन पर इसरो चीफ ने कहा, “आदित्य मिशन सूर्य के लिए है और ये सितंबर में लॉन्च होने के लिए तैयार हो रहा है. गगनयान पर अभी भी काम चल रहा है। हम क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए संभवतः सितंबर या अक्टूबर के अंत तक एक मिशन करेंगे, जिसके बाद कई परीक्षण मिशन होंगे जब तक कि हम संभवतः 2025 तक पहला मानव मिशन नहीं कर लेते.”

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, “हम दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंच गए हैं, जो लगभग 70 डिग्री पर है। सूर्य से कम रोशनी होने के संबंध में दक्षिणी ध्रुव को एक विशिष्ट लाभ है। जिससे अधिक वैज्ञानिक सामग्री होने की संभावना है। चंद्रमा पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में बहुत रुचि दिखाई क्योंकि अंततः मनुष्य वहां जाकर उपनिवेश बनाना चाहते हैं और फिर उससे आगे की यात्रा करना चाहते हैं इसलिए दक्षिणी ध्रुव में हमने इसी जगह को सिलेक्ट किया।”

वहीं बुधवार को लैंडिंग के बाद चंद्रमा की सतह पर पहुंचे चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर मॉड्यूल (एलएम) से रोवर ‘प्रज्ञान’ बाहर निकल आया है। इस प्रकिया पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) ने कहा, ‘‘भारत ने चांद पर सैर की।” अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर इसरो ने कहा कि ‘‘रोवर बाहर निकल आया है”। इसरो ने कहा, ‘‘चंद्रयान-3 रोवर : ‘मेड इन इंडिया – मेड फॉर मून’। चंद्रयान-3 का रोवर लैंडर से बाहर निकल आया है और भारत ने चांद की सैर की।”

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