बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच और भाजपा कार्यकर्ता महेश गोटा का अपहरण कर जानलेवा हमले को लेकर नक्सलियों ने पर्चा जारी किया है। माओवादियों के पश्चिम बस्तर डिवीजनल कमेटी ने महेश गोटा पर जानलेवा हमले की जिम्मेदारी ली है। पर्चे में नक्सलियों ने महेश गोटा पर पुलिस के साथ सांठगांठ समेत अन्य आरोप लगाया है।
नक्सलियों ने पर्चे में लिखा है कि फरसेगढ़ थाना में हेलीपेड निर्माण, आदिवासियों के जमीन हड़पने, ठेकेदारों के साथ मिलकर अंदरूनी इलाकों में पुल-पुलिया निर्माण और कुछ सरपंचों को अपने पक्ष में लेकर सागमेटा, एडापल्ली, पिल्लूर और सेंड्रा में कैम्प खोलने की योजना बनाने का भी आरोप लगाया है। सरपंच रहने के दौरान मजदूरों के पैसों के गबन और फरसेगढ़ इलाके में युवाओं को भाजपा से जोड़ने और जन विरोधी कार्यों में लिप्त रहने का भी आरोप लगाया गया है।
ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि, दामाराम गांव में स्थित कुपरेल की पहाड़ी में हर साल ग्रामीण पूजा करने जाते हैं। यह पूजा अच्छी खेती और क्षेत्र में शांति के लिए की जाती है। फरसेगढ़, कुटरू, गुदमा सहित कई गांवों के करीब 200 से 250 ग्रामीण 21 अगस्त की सुबह यही पूजा करने के लिए दामाराम गांव में स्थित कुपरेल की पहाड़ी गए थे। इसी दौरान 50 से ज्यादा ग्रामीणों को नक्सलियों ने अगवा कर लिया और अपने साथ ले गए थे। इसमें पूर्व सरपंच महेश गोटा भी शामिल था। नक्सलियों ने पूछताछ के बाद 49 ग्रामीणों को उसी दिन देर शाम को छोड़ दिया था, लेकिन महेश गोटा को बंधक बनाकर रखा था, जिसे 22 अगस्त देर रात हत्या की कोशिश कर नक्सलियों ने फेंक दिया। वहां से गुजर रहे राहगीरों ने महेश गोटा को गंभीर हालत में देखा। फिर इसकी जानकारी गांव वालों को दी गई और गंभीर रूप से घायल महेश गोटा को अस्पताल पहुंचाया गया। फिलहाल महेश गोटा का इलाज दिल्ली में जारी है।