प्रधानमंत्री का अधिकारी बताने वाले ठग किरण पटेल को मिली जमानत, धारा 467 हटाया गया

नई दिल्ली। अपने आप को प्रधानमंत्री का अधिकारी बताने वाले कथित ठग किरण भाई पटेल को कोर्ट से जमानत मिल गई है। किरण पटेल पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO ) का बड़ा अधिकारी बताकर जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में स्थित ललित होटल में रहने का आरोप है। किरण ने इस दौरान प्रधानमंत्री के अधिकारी के प्रोटोकॉल का भी खूब लाभ लिया था। जिसके बाद पुलिस ने पटेल को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस ने अपनी चार्जशीट में किरण के खिलाफ धारा 467 नहीं लगाया है। जिसके बाद आरोप को सिर्फ सात की सजा होगी।

सजा राशि चुकाने के बाद मिली जमानत

वकील अनिल रैना ने बताया कि केंद्रीय जेल में बंद पटेल को अदालत ने एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो स्थानीय जमानतदारों के आधार पर जमानत दे दी गई है ।

क्या है प्रधानमंत्री के फर्जी अधिकारी का मामला ?

दरअसल, 2 मार्च को पुलिस ने किरण भाई पटेल को गिरफ्तार किया था। किरण खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का एडिशनल डायरेक्टर बताकर ललित होटल में रह रहा था। साथ ही किरण को जेड प्लस सिक्योरिटी भी मिली थी। VIP गाड़ी, सुरक्षा के लिए जैमर, साथ में सुरक्षा बल की दो और गाड़ियां इस ठग के काफिले में था। इतना ही नहीं किरण ने जम्मू-कश्मीर के शीर्ष अधिकारीयों के साथ कई बैठक भी की थी। अपने झूठ को सच दिखाने के लिए किरण ने कुछ विजटिंग कार्ड और कुछ फर्जी दस्तवेज भी तैयार किए थे। इन्ही की मदद से किरण ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को धोखा भी दिया था। जिसके बाद पुलिस ने जांच के बाद ठग किरण पटेल को गिफ्तार किया था।

पुलिस ने किरण भाई पटेल पर आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को वास्तविक के रूप में उपयोग करना) धारा 170 (एक लोक सेवक पर हमला करना) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया था। जिसमें वकील अनिल रैना ने कहा था कि इस दस्तावेज़ में दोनों के खिलाफ धारा 467 के तहत आरोप हटा दिए गए हैं।

किरण भाई पटेल पर गुजरात के अहमदाबाद में एक बंगले को फर्ज़ीवाड़े से हासिल करने का भी आरोप लगा था। उसे इस मामले में भी गिरफ्तार किया गया था। किरण के खिलाफ गुजरात में भी पांच ठगी के मामले दर्ज हैं।

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