रायगढ़। एसईसीएल की पेलमा माइंस राहुल गांधी के छग दौरे के बाद निशाने पर आ गई है। इस मुद्दे को लेकर पांच सितंबर को कांग्रेस कार्यकर्ता बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय का घेराव करने जा रहे हैं।

रायगढ़ में अडाणी एंटरप्राइजेस के पास तीन माइंस का MDO है। कोल इंडिया ने पहली बार आउटसोर्सिंग के जरिए खदान डेवलप करने का निर्णय लिया है। रायगढ़ क्षेत्र की पेलमा माइंस के लिए निविदा निकाली गई। अडाणी एंटरप्राइजेस को इसका MDO मिला है। अब इसका विरोध हो रहा है।

राहुल के दौरे के बाद विरोध तेज

राहुल गांधी के दौरे के बाद अचानक से इस मामले में सियासत सुलग उठी है। पांच सितंबर को बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय का घेराव किया जा रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि एमडीओ आबंटन में भ्रष्टाचार किया गया है। प्रदेश में भ्रष्टाचार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके पहले भी ग्रामीण के साथ प्रदेश वासियों ने बैलाडिला खदान आबंटन का विरोध किया था।

विरोध केवल एक ही माइंस का

कांग्रेस ने अडाणी एंटरप्राइजेस को पेलमा माइंस का एमडीओ देने के विरोध में प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। लेकिन छग सरकार को आबंटित कोयला खदान गारे पेलमा सेक्टर -3 का एमडीओ भी अडाणी माइनिंग को मिला है। वहीं गुजरात स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम और महाराष्ट्र स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी को छग में आवंटित कोल ब्लॉक का एमडीओ भी अडाणी माइनिंग को ही मिला है। लेकिन विरोध केवल एक ही माइंस का है। इस विरोध के जरिए कोल इंडिया भी निशाने पर है।