टीआरपी डेस्क। तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम एन.चंद्रबाबू नायडू को सीआईडी द्वारा कौशल विकास घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी शनिवार सुबह नंद्याल से हुई। बता दें कौशल विकास घोटाला 350 करोड़ रुपये का है। इस मामले में चंद्रबाबू नायडू के खिलाफ साल 2021 में एफआईआर दर्ज की गई थी। सीआरपीसी की धारा 50(1)(2) के तहत चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की गई है। आज सुबह पुलिस अधिकारियों की टीम जब टीडीपी नेता को हिरासत में लेने के लिए पहुंची तो नंद्याल में जबरदस्त हंगामा हुआ।

युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण देने उनकी सरकार में इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के हैदराबाद और इसके आसपास के इलाकों में स्थित भारी उद्योगों में काम करने के लिए युवाओं को जरूरी कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाना था। सरकार ने योजना के तहत इसकी जिम्मेदारी एक कंपनी Siemens को दी थी। इस योजना के तहत छह क्लस्टर्स बनाए गए। जिसमें हर क्लस्टर पर 560 करोड़ रुपये खर्च होने थे। 

तत्कालीन चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने कैबिनेट में बताया कि योजना के तहत राज्य सरकार कुल खर्च का 10 प्रतिशत यानी कि 370 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वहीं बाकी का 90 प्रतिशत खर्च कौशल विकास प्रशिक्षण देने वाली कंपनी सीमेन्स द्वारा दिया जाएगा। आरोप है कि चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने योजना के तहत खर्च किए जाने वाले 371 करोड़ रुपये शैल कंपनियों को ट्रांसफर कर दिए। शैल कंपनियां बनाकर उन्हें पैसे ट्रांसफर करने से संबंधित दस्तावेज भी नष्ट कर दिए गए। 

ईडी भी कर रही जांच

आंध्र प्रदेश के कौशल विकास घोटाले की जांच ईडी भी कर रही है। कुछ माह पहले ईडी ने कंपनी डिजाइनटेक सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड की 31 करोड़ रुपये कीमत की संपत्ति भी अटैच की थी। ईडी ने इस मामले में सीमेन्स कंपनी के पूर्व एमडी सोम्याद्री शेखर बोस, डिजाइनटेक  कंपनी के एमडी  विकास विनायक खानवेलकर, पीवीएसपी आईटी स्किल्स प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड और स्किलर एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ मुकुल चंद्र अग्रवाल, सीए सुरेश गोयल के खिलाफ मामला दर्ज किया था।