बिलासपर। प्रदेश भर में स्टाम्प पेपर की किल्लत बताकर ब्लैक में बेचने का काम खुलेआम चल रहा है। तमाम शिकायतों के बावजूद इस मुनाफाखोरी पर रोक नहीं लग पा रही है। ऐसे ही एक मामले में बिलासपुर कलेक्टर ने टीम बनाकर औचक जांच के लिए भेजा। इस दौरान एक वेंडर को 100 रूपये का स्टाम्प पेपर 150 रूपये में बेचते हुए पकड़ लिया गया। प्रशासन ने इस मामले में कार्यवाही करते हुए 3 लाख का स्टाम्प पेपर जब्त कर लिया।

बिलासपुर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी संजीव कुमार झा को संयुक्त परिसर भवन, बिलासपुर, स्थाई पंजीयन कार्यालय परिसर में स्टाम्प की कालाबाज़ारी व अवैध वसूली तथा शुल्क लेने की शिकायत मिली थी। जिसके चलते उन्होंने जिले के नव नियुक्त अतिरिक्त कलेक्टर शिव कुमार बनर्जी के नेतृत्व में अतिरिक्त तहसीलदार शशिभूषण सोनी व उप पंजीयक लक्ष्मी पांडेय की टीम बनाकर छापामार कार्रवाई का निर्देश दिया।

ग्राहक बनकर स्टाम्प खरीदा तो हुआ खुलासा

यहां जब ग्राहक बनकर स्टाम्प वेंडरों से स्टाम्प की खरीदी की गई तब शिकायतों की पुष्टि हो गई। इस दौरान अतिरिक्त तहसीलदार ने स्टाम्प वेंडर राजेश कुमार यादव को 100 रुपये का स्टाम्प 150 रुपये में बेचते हुए पकड़ा। तब मौके पर ही राजेश कुमार यादव के विरुद्ध पंचनामा, साक्ष्य सहित बिक्री पंजी की जब्ती की गई।

स्टाम्प पेपर बेचने पर लगाया रोक

कार्यवाही के दौरान लगभग 3.25 लाख रुपये के स्टांप को आगामी आदेश तक बिना सक्षम अधिकारी के अनुमति बगैर विक्रय पर रोक लगाने सहित स्टॉक पंजी प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिए गए।

वेंडरों को दिया जाता है सेवा शुल्क

बता दें कि शासकीय मूल्य पर स्टाम्प में 2 प्रतिशत का सेवा शुल्क स्टाम्प वेंडरों को दिया जाता है, बावजूद इसके स्टाम्प वेंडरों द्वारा अनधिकृत रूप से अवैध वसूली करते हुए सभी स्टाम्प हेतु निर्धारित मूल्य की तुलना में 20 प्रतिशत से 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क पर स्टाम्प उपलब्ध कराया जाता है ।

स्टाम्प पेपर की कालाबाजारी पकड़े जाने के बाद पूरे जांच के दरमियान स्टाम्प वेंडर के सहयोगी शेख अरमान व विनोद साहू ने उपस्थित रहकर उक्त शिकायत की बतौर साक्ष्य पुष्टि किये। इस दरमियान अनधिकृत स्टाम्प की जब्ती भी की गई। जांच में सहयोग हेतु कुदुदंड पटवारी नितेन्द्र सिंह तोमर व जरहाभाठा पटवारी दीपक कुमार मिश्रा उपस्थित रहे। अतिरिक्त कलेक्टर द्वारा स्वयं पंचनामकर्ता बनकर मौके पर ही उपस्थित रहकर साक्ष्य व जब्ती की कार्यवाही की गई, जिसके चलते अवैध कार्य करने वालों के बीच अफरा-तफरी की स्थिति रही। वहीं कलेक्टर द्वारा कठोर कार्यवाही करते हुए स्टाम्प की खरीदी के सरलीकरण हेतु पहल पर विचार किया जाकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं।