रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय, रायपुर मध्य भारत में एक प्रसिद्ध शैक्षणिक संस्थान है और उच्च शिक्षा में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में उभरा है। विश्वविद्यालय न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि छात्रों के समग्र विकास पर भी जोर देता है। इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ते हुए कलिंगा विश्वविद्यालय में विधि संकाय द्वारा 14 सितंबर से 16 सितंबर 2023 तक आयोजित की गई चौथी राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता, 2023 सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

इस भावी कानूनी पेशेवरों के लिए इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम ने देश भर से शीर्ष प्रतिभाओं को एक साथ लाया और कानूनी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया। कलिंगा विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली इस प्रतियोगिता ने कानून के छात्रों के लिए अपने कौशल को निखारने, कानूनी प्रस्तुति में शामिल होने और अपनी वकालत कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में अपनी प्रतिष्ठा मजबूत की है। इस वर्ष का संस्करण, जो अब संस्था के इतिहास का एक हिस्सा है, असाधारण प्रदर्शन और न्याय की खोज के प्रति अटूट प्रतिबद्धता द्वारा चिह्नित किया गया था।

इस प्रतियोगिता में 30 विधि महाविद्यालयों ने भाग लिया, जहां एमिटी यूनिवर्सिटी-स्कूल ऑफ लॉ, रायपुर विजेता रहा और लखनऊ विश्वविद्यालय उपविजेता रहा। ग्रेटर नोएडा के लॉयड लॉ कॉलेज को बेस्ट मेमोरियल की ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। उद्घाटन सत्र की शुरुआत मुख्य अतिथि बी. गोपा कुमार – विशेष लोक अभियोजक, सीबीआई और एनआईए, पूर्व उप महाधिवक्ता और भारत के पूर्व सहायक सॉलिसिटर जनरल, श्री आरएस शर्मा – पूर्व प्रमुख सचिव, कानून और सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश, जेपी पडवार – सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक अभियोजन, छत्तीसगढ़ सरकार का स्वागत के साथ शुरू हुआ। चौथी राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएं: प्रभावशाली भागीदारी: प्रतियोगिता में प्रभावशाली संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें तीस प्रतिष्ठित संस्थानों के कानून के छात्र शामिल थे।

कानूनी दिमागों के इस विविध समूह ने बौद्धिक कठोरता और स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के वातावरण में योगदान दिया। विषयगत उत्कृष्टता: मूट कोर्ट की समस्या ने चुनौतीपूर्ण कानूनी मुद्दों को प्रस्तुत किया, जो समकालीन चिंताओं और कानूनी परिदृश्य में हाल के विकास को दर्शाता है। प्रतिभागियों ने सटीकता और रचनात्मकता के साथ जटिल कानूनी समस्याओं का विश्लेषण करने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया। सम्मानित न्यायाधीशों का पैनल: प्रतिष्ठित कानूनी पेशेवरों और शिक्षाविदों ने न्यायाधीशों के रूप में कार्य किया, अमूल्य प्रतिक्रिया प्रदान की और विशेषज्ञता और निष्पक्षता के साथ प्रतिभागियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया। विजेता और पुरस्कार: प्रतियोगिता का समापन एक भव्य पुरस्कार समारोह के साथ हुआ, जहां विजेताओं को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सम्मानित किया गया।

विजेताओं को नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। विजेताओं को 21000/- रुपये और उपविजेता को 15000/- रुपये के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ वक्ता के रूप में लखनऊ विश्वविद्यालय की शाक्षी पांडे को 7500/- रुपये का पुरस्कार दिया गया। अधिराज काले, माणिकचंद पहाड़े लॉ कॉलेज, औरंगाबाद को सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता के रूप में सम्मानित किया गया। समापन समारोह में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी और भारत के उप सॉलिसिटर जनरल रमाकांत मिश्रा की उपस्थिति रही।

सम्मानित अतिथियों द्वारा इस कार्यक्रम की खूब सराहना की गई क्योंकि इस तरह के आयोजनों से यह समझ में आता है कि एक वास्तविक अदालत कैसे कार्य करती है। इस उल्लेखनीय प्रतियोगिता से पुनः सिध्द हुआ कि कलिंगा विश्वविद्यालय भविष्य की कानूनी प्रतिभाओं को पोषित करने के लिए समर्पित है और कानूनी शिक्षा में उत्कृष्टता की अपनी विरासत को जारी रखने के लिए तत्पर है।

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