मंडला। जिला मुख्यालय के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के NRHM के लेखा प्रबंधक शरद झारिया ने CCTV और कम्प्यूटर क्रय के भुगतान के बदले रिश्वत मांगी। पीड़ित की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने उन्हें 13 हजार 500 रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया।

टीम प्रभारी निरीक्षक कमल सिंह उइके ने बताया कि आवेदक श्रिया आईटी के संचालक रमेश विश्वकर्मा पिता नंदकिशोर विश्वकर्मा (47) निवासी जवाहर नगर जबलपुर ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में CCTV व कम्प्यूटर की सप्लाई की थी। इसका लगभग 34 हजार रुपए के बिल का भुगतान शेष था। इसे पास करने के लिए लेखा प्रबंधक शरद झारिया, पिता सोमराज झारिया (44) पद विकासखंड लेखा प्रबंधक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बीजाडांडी लगातार रिश्वत मांग रहे थे। वह अप्रत्यक्ष रूप से धमकी दे रहे थे। और बिल के भुगतान के एवज में 15 हजार रिश्वत की मांग कर रहे थे।

रिश्वत नहीं देने पर संचालक रमेश को अपना बिल पास करने के लिए जबलपुर से कई मर्तबा चक्कर काटना पड़ा। शरद से कई बार कहा गया कि 34 हजार के बिल में 15 हजार की रिश्वत देगा, तो कंपनी को क्या भुगतान करेगा। उसके बाद भी शरद झारिया अपनी मांग से टस से मस नहीं हुआ।

रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़वाया

शरद झारिया के व्यवहार से बुरी तरह प्रताड़ित रमेश विश्वकर्मा ने शिकायत लोकायुक्त में की। आवेदक की शिकायत सत्यापन के बाद लोकायुक्त ने उसे ट्रैप करने की योजना बनाई। सोमवार को दोपहर लगभग 2.00 बजे टीम ने अस्पताल में दबिश दी। आरोपी शरद झारिया को 13 हजार 500 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

बिना रिश्वत लिए नहीं करता कोई काम

इस कार्यवाही में निरीक्षक कमल सिंह उइके, भूपेन्द्र कुमार दीवान, उपनिरीक्षक शिशिर पाण्डेय सहित पांच सदस्यों का दल रहा। बताया गया है कि लेखापाल प्रबंधक शरद झारिया आदतन रिश्वतखोर है। चाहे किसी का बिल भुगतान करना हो या किसी हितग्राही को शासन की योजना का लाभ दिलाना हो या कार्यालय के अन्य कर्मचारियों के वेतन भुगतान का मामला हो। वह बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करता।