0 कांग्रेस ने 3 अक्‍टूबर को बस्तर बंद से मोदी के स्वागत का किया ऐलान

रायपुर। राजीव भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में मुख्‍यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्‍य सरकार बस्तर के नगरनार स्‍टील प्‍लांट के निजीकरण के विरोध में है। प्रधानमंत्री तीन तारीख को बस्तर में नगरनार संयंत्र के उद्घाटन के लिए आ रहे हैं। नगरनार संयंत्र के लिए बस्तर के किसानों, और आदिवासियों ने जमीन दी थी। हमने केंद्र सरकार को लिखकर दिया था कि यदि केंद्र सरकार नगरनार स्‍टील प्‍लांट नहीं चला सकती तो राज्‍य सरकार को दे दे। राज्‍य सरकार नगरनार स्‍टील प्‍लांट को खरीदने को तैयार है। इस संबंध में हमने विधानसभा से भी प्रस्‍ताव पास किया है, लेकिन मोदी सरकार हमें इसकी अनुमति नहीं दे रही है।

PCC अध्यक्ष बैज ने किया बस्तर बंद का ऐलान

इस प्रेस वार्ता में मौजूद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बस्तर आ रहे पीएम मोदी का स्वागत बस्तर बंद से होगा। कांग्रेस ने नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण की मंशा के मद्देनजर बस्तर में विरोध की तैयारी शुरू की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने यहां इस बात का ऐलान किया। दीपक बैज ने कहा कि नगरनार संयंत्र का केंद्र सरकार निजीकरण की तैयारी कर रही है। बैज ने कहा कि केंद्र सरकार नगरनार संयंत्र का निजीकरण करने जा रही है जो बस्तर वासियों के भावनाओं के खिलाफ है। हम नगरनार संयंत्र के निजीकरण का विरोध करते हैं। 3 अक्टूबर को पूरा बस्तर बंद किया जाएगा। मोदी अपने चहेते उद्योगपतियों को नगरनार प्लांट बेचना चाह रही है।

NMDC को दी थी जमीन…

गौरतलब है कि 3 अक्‍टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बस्‍तर के दौरे पर आ रहे हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ी मांग रखी है। उन्होंने कहा कि नगरनार संयंत्र को निजी कंपनियों को न बेचे, राज्य सरकार खरीदने के लिए तैयार है। बघेल ने कहा कि बस्तर के किसानों ने जमीन NMDC को दी थी न कि किसी निजी व्यक्ति को। उन्होंने एक राष्ट्रीय अख़बार का हवाला देते हुए कहा कि टाटा, अडानी, वेदांता, और जिंदल समूह ने प्लांट को खरीदने में रूचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि संयंत्र को निजी हाथों को न बेचा जाए, राज्य सरकार इसके लिए 20 हजार करोड़ देने के लिए तैयार है।

भूपेश बघेल ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तब भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। केन्द्र की सरकार संयंत्र को निजी हाथों में देना चाहती है। हमने पहले अशासकीय संकल्प और फिर सरकार में आने के बाद शासकीय संकल्प पारित किया था। मगर केन्द्र की सरकार ने विनिवेश की घोषणा की है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने तो यह भी मांग की थी कि केन्द्र सरकार का पब्लिक सेक्टर NMDC अगर नगरनार स्टील प्लांट नहीं चला सकता, तो उसे केन्द्र सरकार के ही एक दूसरे पब्लिक सेक्टर सेल को दे दिया जाए ताकि वह उसे भिलाई स्टील प्लांट की तरह चला ले, लेकिन उसे निजी लोगों को न बेचा जाए।

पूर्व में भी विनिवेश का हुआ था विरोध

गौरतलब है कि देश भर में किसी सार्वजानिक प्रतिष्ठान का पहला विनिवेशीकरण छत्तीसगढ़ के कोरबा में हुआ था। यहां के बालको एल्युमिनियम संयंत्र का संचालन केंद्र सरकार ने निजी हाथों में सौंप दिया था। तब भी यहां कांग्रेस की सरकार थी और तत्कालीन मुख्यमंत्री ने बालको पहुंचकर इसका जमकर विरोध किया था। तब उन्होंने भी कहा था कि केंद्र बालको का संयंत्र राज्य सरकार को दे दिया जाये, उसे हम चला लेंगे।

बहरहाल पीएम के बस्तर आगमन से पहले CM भूपेश बघेल ने नगरनार प्लांट के निजीकरण का मुद्दा छेड़ दिया है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को जनता के बीच पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री के आगमन के वक्त बस्तर बंद करने की घोषणा कर दी है। देखना ये है कि मोदी के बस्तर आगमन की तैयारी में जुटी भाजपा और बंद की तैयारी कर रही कांग्रेस पार्टी, दोनों के बीच कौन बाजी मार ले जाता है।