पहली सूची का बवाल शांत करने और दूसरी सूची को लेकर कवाय़द

रायपुर/दिल्ली। भाजपा ने जल्दबाजी में कांग्रेस ने बाजी मारने के चक्कर में 21 सीटों पर नामों की घोषणा कर सिरदर्द मोल ले लिया है। भाजपा के टिकट घोषणा के बाद से विरोध शुरू हो गया था।

लेकिन अनुशासन का डंडा चलने के डर से दबे छुपे विरोध चल रहा था, जब प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व ने संज्ञान नहीं लिया तो विरोध सड़क पर फूट पड़ा। पहली सूची जारी होने के पैराशूट प्रत्याशियों को लेकर पार्टी हाईकमान से बड़ी बैठक होने की उम्मीद जताई जा रही है।

ताकि दूसरी सूची में पार्टी को तनाव नहीं झेलना पड़े। तनाव बढ़ गया कि अचानक प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव दिल्ली रूख करना पड़ा, । गुरुवार सुबह वो रायपुर से रवाना हुए । खबर है कि छत्तीसगढ़ संगठन के कुछ और नेताओं को भी साव के साथ दिल्ली बुलाया गया है। केंद्रीय नेतृत्व अचानक चुनावी मामले पर एक बैठक करने जा रहा है।

अरुण साव के यूं अचानक दिल्ली रवाना होने को लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। जानकारों कि माने तो संगठन में पिछले दिनों टिकट बंटवारे को लेकर मचे घमासान की वजह से नाराजगी है। इस मामले पर चर्चा करने के लिए प्रदेश अध्यक्ष साव को दिल्ली बुलाया गया है।

केंद्रीय चुनाव समिति के राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ छत्तीसगढ़ चुनाव संचालन की जिम्मेदारी संभाल रहे ओम माथुर, मनसुख मंडाविया भी साव के साथ गुरुवार को होने वाली बैठक में शामिल हो सकते हैं।

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