Assembly Election 2023

Chhattisgarh Assembly Election 2023: आज हम बात करेंगे ऐसी विधानसभा की जो प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीटों में से एक है। इस विधानसभा की खासियत यह है कि यहां से आज तक कभी कोई दूसरी पार्टी ने जीत का खाता नहीं खोला है। इसलिए इस सीट को कांग्रेस का अभेद्य किला कहा जाता है।

महेश साहू खरसिया से प्रत्याशी

बीजेपी ने 21 विधानसभा के उम्मीदवारों की लिस्ट की घोषणा की थी। जिसमें खरसिया विधानसभा क्षेत्र के महेश साहू को बीजेपी ने उम्मीदवार बनाया है। महेश साहू बीजेपी के कर्मठ नेता हैं। पिछले 10 साल से साहू समाज की बागडोर महेश साहू के हाथों में है। इनका संबंध खरसिया के उद्योगपति, किराना व्यापारी, किसान यहां तक की समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति से भी है।

खरसिया विधानसभा का इतिहास

इस विधानसभा से अब तक कांग्रेस प्रत्याशी की हार नहीं हुई है। जब छत्तीसगढ़ की स्थापना नहीं हुई थी तब 1988 में यहां के विधायक लक्ष्मी पटेल को इस्तीफा दिलवाया गया और उपचुनाव हुए। जिसमें कांग्रेस ने अर्जुन सिंह और भारतीय जनता पार्टी ने दिलीप सिंह जूदेव को मैदान में उतरा था। उस समय दिलीप सिंह जुदेव बीजेपी के स्टार प्रचारक भी थे लेकिन अर्जुन सिंह ने दिलीप सिंह जूदेव को हरा दिया। तब से लेकर 2018 के चुनाव तक ना जाने कितने प्रत्याशी कांग्रेस के सामने आए और गए लेकिन जीत नसीब नहीं हुई।

खरसिया में मतदाताओं की संख्या

खरसिया में कुल मतदाता की संख्या 2 लाख 518 है, जिसमें से पुरुष मतदाता 1 लाख 907 और महिला मतदाता 99 हजार 587 है। इसके अलावा थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 24 है। खरसिया विधानसभा के जातीय समीकरण की बात करें तो कहने को तो यह सामान्य सीट है,लेकिन पिछड़ा वर्ग के वोटर्स का दबदबा है।

खरसिया विधानसभा का समीकरण

आंकड़ों की बात करें तो इस विधानसभा में साहू, तेली समाज के लगभग 18 हजार वोटर हैं। अगरिया, पटेल समाज के 20 हजार वोटर, सर्व आदिवासी समाज 55 हजार वोटर और पिछड़ा वर्ग के 70 हजार वोटर हैं। वहीं सामान्य वर्ग से 30 हजार मतदाता आते हैं। खरसिया विधानसभा में कृषि और औद्योगिक क्षेत्र समावेश है। इलाके में खनिज भंडार भी है। यहां के किसान धान, गेहूं, सरसो, अरहर और सब्जियों का उत्पादन करते हैं।

2018 में चुनाव परिणाम

2018 के विधानसभा चुनाव में शहीद स्वर्गीय नंदकुमार पटेल के बाद उनके पुत्र उमेश पटेल को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया। वहीं भारतीय जनता पार्टी की तरफ से ओपी चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया था। 2018 के चुनाव में कड़ी टक्कर के बाद उमेश पटेल ने खरसिया विधानसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की। खरसिया विधानसभा क्षेत्र में उमेश पटेल को हराने के लिए ओपी चौधरी ने काफी जोर लगाया। लेकिन मतदाताओं का मन नहीं बदल सके। खरसिया विधानसभा के 2018 चुनाव के परिणाम कांग्रेस उम्मीदवार उमेश पटेल को 94201 वोट मिले थे। वहीं भारतीय जनता पार्टी के ओपी चौधरी को 77234 वोट मिले थे। कांग्रेस के उम्मीदवार उमेश पटेल ने 16967 वोट से अपनी जीत दर्ज की थी। इस चुनाव में कुल 12 उम्मीदवारों ने अपना भाग्य आजमाया था

खरसिया विधानसभा सीट पर मुद्दे और समस्याएं

शहरी क्षेत्रों की जनता शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क-पानी की सुविधा को पहले से बेहतर बता रही है। लेकिन वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में नजरिया बदल जाता है। गांव में सड़क, साफ पानी, रोजगार और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग आज भी लोग कर रहे हैं। इसी के साथ ही बेरोजगारी और रेल सुविधाओं में बढ़ोतरी को लेकर कई बार आवाज उठाई जा चुकी है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर