रायपुर। ग्रामीण आदिवासी क्षेत्रों में महिलाओं के बीच स्वस्थ और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए, बीजापुर प्रशासन ने ‘गर्भावस्था में योग’ नामक एक पहल शुरू की है। कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती माताओं को स्वास्थ्य के प्रति सजग करना और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक योग अभ्यास प्रदान करना है।

जिला कलेक्टर राजेंद्र कटारा ने कहा कि यह पहल जुलाई 2023 में शुरू की गई थी, जिसके तहत जिले की गर्भवती माताओं को योग सिखाया जाता है। साथ ही गर्भस्थ शिशु की अच्छी सेहत को लिए महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण के लिए ऐसे लोगों को चुना गया जो बिजापुर जिले से ही हैं और जिन्हें योग के संबंध में जानकारी हो। ऐसे लोगों को छत्तीसगढ़ योग आयोग के मास्टर प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षित किया गया था, जिसके बाद सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षकों का चयन किया गया।

गर्भावस्था के लिए योग सिख चुके लोगों को योग प्रेरक नाम दिया गया। इन योग प्रेरकों के लिए महिलाओं का ही चयन किया गया। साथ ही इसमें स्थानीय लोगों को ही चुना गया ताकि भाषा में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।

वर्तमान में कुल 24 योग प्रेरक 24 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों-उप स्वास्थ्य केंद्रों (एबी एचडब्ल्यूसी-एसएचसी) के जलग्रहण क्षेत्रों में योग प्रशिक्षण दे रहे हैं। योग सत्र एबी एचडब्ल्यूसी-एसएचसीएस, ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता और पोषण दिवस, आंगनवाड़ी केंद्रों में आयोजित किए जाते हैं।

अब तक कुल 1644 गर्भवती महिलाओं को योगाभ्यास कराया गया है, जिनमें से 74 महिलाओं का प्रसव हुआ है और सामान्य प्रसव का प्रतिशत 92% है। प्रसव कराने वाली महिलाओं में मृत बच्चों का प्रतिशत मात्र तीन प्रतिशत है जो जिले के साथ-साथ राज्य की तुलना में बहुत कम है। जिला कलेक्टर ने कहा कि हाल ही में बीजापुर जिले के अंदरूनी गांव पेद्दाकोडेपाल की एक महिला शांति कोर्सा ने सामान्य प्रसव के माध्यम से एक स्वस्थ लड़के को जन्म दिया, वह उन महिलाओं में से एक थीं जिन्हें बेहतर प्रसव के लिए योग करने के लिए प्रेरित किया गया था। योग प्रशिक्षण के बाद जिन माताओं की डिलीवरी हुई है उनके शिशु का औसत वजन 2700 से ज्यादा है।

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