नई दिल्ली। दिल्ली सरकार में कुछ साल पहले तक कार्यरत रहे 1997 बैच के “दानिक्स” अधिकारी एवी प्रेमनाथ को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने (जबरन) सेवा से सेवानिवृत्त कर दिया है। पिछले साल अक्टूबर में उत्तराखंड में एक नाबालिग से छेड़छाड़ के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज होने के कारण निलंबन से पहले प्रेम नाथ दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग में तैनात थे।

गृह मंत्रालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह प्रेम नाथ को सार्वजनिक हित में सेवा से सेवानिवृत्त करने के लिए मौलिक नियमों के नियम 56 (जे) के उप-नियम 1 और सीसीएस (पेंशन) नियम 1965 के नियम 42 द्वारा प्रदत्त अपनी शक्तियों का प्रयोग कर रहा है।

पांच FIR दर्ज हैं प्रेम नाथ के खिलाफ

नियम के मुताबिक, केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में ईमानदारी की कमी और अप्रभाविता के आधार पर सरकारी अधिकारियों को समय से पहले सेवानिवृत्त करने का पूर्ण अधिकार है। प्रेम नाथ के खिलाफ कुल पांच FIR दर्ज हैं, जिनमें दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा कथित तौर पर आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक FIR भी शामिल है।

जारी किया तीन महीने का वेतन

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बारे में जारी आदेश को मुख्य सचिव नरेश कुमार को भेज दिया है। आदेश के अनुसार, तत्काल प्रभाव से तीन महीने का वेतन और भत्ते दिए जाने के निर्देश दिए हैं। जिस पर दिल्ली सरकार ने प्रेमनाथ को सोमवार को इस राशि का चेक भी जारी कर दिया, जिसमें उन्हें चार लाख छह हजार 830 रुपये जारी कर दिए गए हैं।

क्या है “दानिक्स”

“दानिक्स” यानि दिल्ली अंडमान निकोबार आइलैंड सिविल सर्विसेज। दानिक्स की स्थापना 1972 में की गई थी, जिसे केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वार नियंत्रित किया जाता है।दानिक्स (DANICS) ‘दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दमन एवं दीव तथा दादरा और नगर हवेली सिविल सेवा’ को दर्शाता है। यह भारत सरकार की ग्रुप ‘बी’ की सिविल सेवा है। इस सेवा में अधिकारियों का चयन सीधे सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से होता है। इसके अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और केंद्र शासित प्रदेशों की विभिन्न प्रशासनिक कार्यों में तैनात होते हैं।