सदस्यों की नियुक्ति नहीं हो पाई, हितग्राही प्रकरणों के निपटारे के लिए लगा रहे चक्कर

रायपुर। नया रायपुर स्थित मनरेगा अंतर्गत त्रिसदस्यीय प्राधिकरण के सदस्यों की नियुक्ति आदेश के साढ़े चार माह बीत जाने के बाद आनन-फानन में 23 सित. 2021 को किया गया। तीन साल का कार्यकाल समाप्त होने के बाद 2023 से लोकपाल अपीलीय प्राधिकरण कार्यालय में ताला लटका हुआ है।

अपीलार्थीगण प्रकरणों के निपटारे के लिए चक्कर लगा रहे है। उक्त जानकारी देते हुए देते हुए सोशल एक्टिविस्ट ओ्मेश बिसेन ने बताया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना के कार्यो में नौकरशाह पलीता लगा रहे है। जिम्मेदार अधिकारियों व्दारा मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को सिंडिकेट की तरह चला रहे है।

विभाग के कुछ अधिकारी ने तो साजिश पूर्वक व्याप्त भ्रष्टाचार को पनाह दी है जिसकी जांच की जाए तो चौकाने वाले परिणाम सामने आ सकते है।
ओ्मेश बीसेन ने बताय़ा कि नया रायपुर स्थित मनरेगा प्राधिकरण कार्यालय में ताला लटका हुआ है। वहां पर अपील आवेदन स्वीकार्य करने के लिए चपरासी तक नहीं है। जिले के लोकपाल व्दारा पारित आदेश के विरूद्ध किसी भी पक्षकार को अपील करने का मौका ही नहीं मिले तो न्य़ाय कैसे मिलेगा । साजिश के तहत कार्यालय में ताला जड़वा दिया गया है।

हितग्राही को जानबूझ कर न्याय पाने से वंचित किया जा रहा है। लोकपालों की जांच में फंसे भ्रष्टाचारी अधिकारी खुश होकर रोज दिवाली मना रहे है। भ्रष्ट अधिकारी व प्रशासन सलामी ठोक रहा है। छग राज्य में बारत सरकार की विशेष योजना मनरेगा में भ्रष्टाचार के विरूद्ध शिकायतों के निराकरण के लिए लोकपाल मनरेगा एक स्वतंत्र जांच एजेंसी की व्यवस्था वर्ष 2021 से संचालित है। किंतु लोकपाल मनरेगा को नौकरशाहों ने मजाक बना दिय़ा है।

इन अधिकारियों व्दारा लोकपाल में फंसे मातहत कर्मचारियों को बचाने के लिए गैर कानूनी दबाव बना रहे है। बात नहीं बनने पर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है। किंतु शासन व्दारा इस मामले को अनदेखा कर मनरेगा लोकपाल कानून कायदे की धज्जियां उड़ाई जा रही है।

Hindi News के लिए जुड़ें हमारे साथ हमारे
फेसबुक, ट्विटरयूट्यूब, इंस्टाग्राम, लिंक्डइन, टेलीग्रामकू
 पर