किसी भी अन्य प्रकार के उपहार मिलने पर जब्त होगा
रायपुर । जैसे -जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आते जा रहे है निर्वाचन आयोग सख्त कदम उठाने की ओर आगे बढ़ गई है। राजनीतिक दल, प्रत्याशी या उनसे संबंधित धन राशि के लेन-देन पर निर्वाचन आयोग की विशेष निगरानी कर रही है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में विधानसभा निर्वाचन संबंधी अब तक की तैयारियों की समीक्षा की।
प्रत्याशी या उनके एजेंट या पार्टी वर्कर के वाहन में चेकिंग के दौरान 50 हजार रुपये से अधिक की धन राशि प्राप्त होने पर उसे जब्त किया जाएगा। वही स्टार प्रचारक को इसकी छूट रहेगी।
इसी प्रकार चेकिंग के दौरान प्रत्याशी, उनके एजेंट या पार्टी वर्कर के वाहन में 10 हजार रुपये से अधिक की चुनाव प्रचार सामग्री, पोस्टर, दवाइयां, शराब, हथियार या किसी अन्य प्रकार के उपहार मिलने पर उन्हें भी जब्त कर लिया जाएगा।
कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सातों विधानसभा के रिटर्निंग आफिसरों और अन्य अधिकारियों के साथ बैठक ली और निर्देशित किया कि निर्वाचन के दौरान बैंक खातों से संदिग्ध लेन-देन, किसी खाते से अचानक बड़ी रकम की जमा और निकासी आदि पता चलने पर तत्काल जिला निर्वाचन अधिकारी और आयकर विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जाए।
बैठक में नगर निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ अबिनाश मिश्रा तथा सभी विधानसभा के रिटर्निंग आफिसर, असिस्टेंट रिटर्निंग आफिसर और नोडल अधिकारी उपस्थित थे।
प्रमाण-पत्र रखना होगा साथ
प्रत्याशियों और राजनैतिक दलों के स्टार प्रचारक अपने व्यक्तिगत उपयोग के लिए या दल के कार्यक्रम के लिए एक लाख रुपये तक नकद रख सकेंगे, लेकिन इसके लिए उन्हें पार्टी के कोषाध्यक्ष से लिखित प्रमाण पत्र साथ रखना होगा। चेकिंग के दौरान बिना प्रमाण-पत्र के पाई गई राशि भी जब्त की जाएगी।
एक लाख से अधिक का लेन-देन भी संदिग्ध
कलेक्टर ने बताया कि अगले दो माह में किसी बैंक अकाउंट में यदि एक लाख रुपये से अधिक का असामान्य लेन-देन किया जाता है तो उसे संदेहास्पद माना जाएगा। साथ ही प्रत्याशी, उनकी पत्नी या रिश्तेदार द्वारा एक लाख रुपये से अधिक का लेन-देन किया जाता है तो उन्हें शपथ-पत्र जमा करना होगा, जिसका प्रारूप, मुख्य निर्वाचन आयुक्त के वेबसाइट पर उपलब्ध है।
वहीं चुनाव के दौरान किसी अकाउंट से जिले या विधानसभा क्षेत्र के बहुत से लोगों के अकाउंट में असामान्य रूप से आरटीजीएस के माध्यम से राशि स्थानांतरित की जाती है और ऐसा लेन-देन पहले न किया गया हो तो वह भी संदेहास्पद माना जाएगा।
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