चंडीगढ़/नई दिल्ली। शायद ही किसी ने इस बात की कभी कल्पना भी की होगी कि जेलों में अब पति-पत्नी एकांत में समय बिता पाएंगे। जी हां, पंजाब में जेलों में बंद कैदियों को अब एक ऐसी सुविधा मिलनी शुरू हो गई है, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। यहां की जेलों में उनके लिए खासतौर से एक कमरा बनाया गया है। इस कमरे में मुलाकात के दौरान वह शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं। आपको यह जानकर हैरानी हो रही होगी, लेकिन यही सच्चाई है।

“जानिए, क्या है कैदियों के अनुभव”

एक रिपोर्ट के मुताबिक, गुरजीत सिंह (गोइंदवाल जेल में बंद कैदी) ये सुविधा उठानेवाला सबसे पहला कैदी है। उसने बताया कि जेल में कैदी अकेलापन महसूस करता है और अवसाद में रहता है, लेकिन पिछले दिनों जब मेरी पत्नी मुझसे मिलने आई तो हमने एक कमरे में एकांत के कुछ घंटे बिताए। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए बड़ी राहत की बात थी।”

गुरजीत सिंह हत्या के मामले में सजा काट रहा है। इस नई सुविधा के लिए वह पंजाब सरकार का शुक्रिया अदा कर रहा है। यहां आपको यह भी बता दें कि पंजाब अब जेल के अंदर एकांत में पति-पत्नी को मिलने की सुविधा देने वाला पहला राज्य बन गया है। पंजाब की इस जेल में मिलने वाली सुविधा की हर तरफ खूब चर्चा हो रही है। खास बात यह भी है कि पति-पत्नी इस मुलाकात के दौरान शारीरिक संबंध भी बना सकते हैं।

अब तक क्या होता आया है ?

पंजाब में पहले कैदियों को किसी भी मिलने आने वाले वाले से शारीरिक संपर्क की इजाजत नहीं थी। जो भी मिलने आता था वे एक निश्चित दूरी पर खड़े होकर बात कर सकते थे। इस दौरान उनके बीच एक शीशे की दीवार भी होती थी। गुरजीत सिंह ने कहा कि अब सरकार शादीशुदा जोड़ों को जेल में प्राइवेट मुलाकात की इजाजत दे रही है, जिसका हमें लाभ लेना चाहिए।

राज्य की 17 जेलों में उपलब्ध है सुविधा

इस नई सुविधा के बारे में पंजाब के विशेष महानिदेशक हरप्रीत सिद्धू ने कहा, जो पति या पत्नी जेल में बंद नहीं हैं उनको सजा देने का कोई मतलब नहीं है। हम यही चाहते हैं कि समाज में इन कैदियों की वापसी सुनिश्चित हो। यही कारण है कि हमे पंजाब की जेलों में एकांत में मिलने देने का फैसला लिया है।” उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है और अभी यह सुविधा राज्य की 25 में से 17 जेलों में उपलब्ध है।

हरप्रीत सिद्धू ने बताया कि ऐसी सुविधा कई देशों की जेलों में है और हमने भी यह महसूस किया कि अदालतों के कई ऐसे आदेश भी हैं, जो इस तरह के कदम का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा, “जोड़ों का मिलन या उनके बीच यौन संबंध एक जरूरत है।” संबंधित अधिकारियों ने इस सुविधा का फायदा उठाने वाले आवेदनों की जानकारी दी। आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि सिर्फ पहले ही हफ्ते में कैदियों की ओर से अपने पति या पत्नी से मिलने की अनुमति के लिए 385 आवेदन मिले।

दिल्ली सरकार ने भी शुरू की पहल

इधर दिल्ली की जेल में बंद कैदियों के लिए गुड न्यूज है। दिल्ली की जेलों में भी कैदियों को जल्द ही सलाखों के पीछे पति-पत्नी संग ‘रोमांस’ करने की मंजूरी मिल सकती है। दिल्ली सरकार का कहना है कि जेल अधिकारियों की नजरों से दूर पति-पत्नी का मिलन एक ‘मौलिक अधिकार’ है।

दिल्ली सरकार जेल अधिकारियों की नजरों से दूर पति-पत्नी के मिलन अर्थात दांपत्य मुलाकात (Conjugal Visits In Prisons) को संभव बनाने की योजना बना रही है। दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में कहा गया है कि जेल अधिकारियों की नजरों से दूर पति-पत्नी का मिलन एक ‘मौलिक अधिकार’ है। इस पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि जेल महानिदेशक ने जेलों में कैदियों को अपने जीवनसाथी संग दांपत्य मुलाकात का अधिकार दिए जाने के संबंध में गृह मंत्रालय (एमएचए) को एक प्रस्ताव भेजा है।

कई देशों में है ऐसी व्यवस्था

पंजाब सरकार ने अपनी नोटिंग में कॉन्ज्यूगल (Conjugal) का मतलब समझाने के लिए शब्दकोष का हवाला दिया है और कहा है कि विवाहित जोड़े जेल में मुलाक़ात के दौरान यौन संबंध बना सकते हैं। पंजाब सरकार के अनुसार, इस तरह की मुलाकात की अनुमति कई देशों में हैं। इनमें अमेरिका, फिलीपींस, कनाडा, सऊदी अरब, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, फ़्रांस समेत कई देश शामिल हैं।

क्या गैंगस्टर्स को मिलेगा सुविधा का लाभ?

अब आपके मन में एक सवाल यह भी आ रहा होगा कि क्या गैंगस्टर्स को इस सुविधा का लाभ मिलेगा? तो हम आपको बता दें कि गैंगस्टर्स और ज्यादा खतरनाक कैदियों को इस तरह की मुलाकात में अपने पति या पतियों से मिलने की अनुमति नहीं है। बताए गए नियमों के मुताबिक हाई रिस्क कैदी, गैंगस्टर्स और आतंकवादियों को ये सुविधा नहीं मिलेगी। इसी के साथ बच्चों के साथ यौन दुर्व्यवहार करने वालों, यौन अपराधी और घरेलू हिंसा के अभियुक्तों को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी। साथ ही ऐसे कैदी जिन्हें टीबी, एचआईवी, यौन संक्रमित रोग हों, उन्हें भी ये अनुमति नहीं मिलेगी। ऐसे मामलों में जेल के डॉक्टर से क्लीयरेंस लेनी होगी।

ऐसे कैदियों को भी नहीं मिलेगा सुविधा का लाभ

पिछले तीन महीने के दौरान जेल में किसी अपराध को अंजाम देने वालों को भी ये सुविधा नहीं मिलेगी। तीन महीने से अपनी ड्यूटी ना करने वालों को भी इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा।

किन अपराधियों को मिलेगी प्राथमिकता

लंबे समय से जेल में बंद अपराधियों के अलावा एक बच्चे की मां या पिता को मिलेगी प्राथमकिता, वहीं पैरोल के हकदार कैदियों को प्राथमिक सूची में सबसे नीचे रखा जाएगा।