कोलकाता । कोलकाता में पश्चिम बंगाल के वन मंत्री और पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक के आवास पर प्रवर्तन निदेशालय ने आज छापा मारा है। मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम पश्चिम बंगाल राशन वितरण घोटाला मामले में सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय राशन घोटाले मामले की काफी पहले से जांच कर रही है। राशन घोटाले जब हुआ उस समय ज्योतिप्रिय मलिक खाद्य मंत्री का कार्यभार संभाल रहे थे।

प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों के अनुसार, राशन घोटाले मामले में मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक का नाम बकीबुर रहमान की गिरफ्तारी के बाद सामने आया। प्रवर्तन निदेशालय ने आज सुबह करीब 6:30 बजे साल्ट लेक के बीसी ब्लॉक में स्थित ज्योतिप्रिय मल्लिक के दोनों घरों पर पहुंच गई। प्रवर्तन निदेशालयने ज्योतिप्रिय मल्लिक के घर के अलावा नागेरबाजार में स्थित उनके असिस्टेंट अमित के फ्लैट पर भी पहुंची और छापेमारी शुरू कर दी। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने गुरुवार सुबह कुल 8 जगहों पर तलाशी अभियान चलाया है। प्रवर्तन निदेशालय मंत्री ज्योतिप्रिय और बिजनेसमैन बाकिबुर के बीच संबंध की भी जांच कर रही हैं।

राशन घोटाले मामले में बाकिबुर गिरफ्तार
बता दें कि राशन घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले बुधवार को कोलकाता में स्थित बाकिबुर के कैखाली फ्लैट पर छापा मारा था। प्रवर्तन निदेशालय सूत्रों के अनुसार, बकीबुर के फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की 100 से ज्यादा मुहरें मिली थी। इसके साथ ही खाद्य आपूर्ति से संबंधित विभिन्न सरकारी संस्थानों के 109 टिकट बरामद किये है। बकीबुर के फ्लैट पर ED ने साढ़े 53 घंटे तक तलाशी की थी। तलाशी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने बाकिबुर से 11 घंटे पूछताछ की और शनिवार सुबह उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बकीबुर की विभिन्न कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है। बाकिबुर के कई होटल, रिसॉर्ट और बार हैं। इसके अलावा उसकी कई चावल मिलें भी हैं।