जशपुर : कुनकुरी विधानसभा सीट राजनीतिक,सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी अहम है. तपकरा और बगीचा विधानसभा सीट के विलुप्त होने के बाद कुनकुरी विधानसभा अस्तित्व में आई. इस विधानसभा में उरांव और कंवर मतदाताओं की बहुलता है. लेकिन,इनके बीच में ईसाई मतदाताओं के हाथों में चुनावी गणित में हेरफेर करने की शक्ति है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के ईसाई वर्ग के प्रत्याशी यूडी मिंज ने बीजेपी के दो बार के विधायक भरत साय को 4293 मतों से हराया था. बीजेपी की इस पराजय में क्षेत्र के नगेशिया और रौतिया वोटर्स की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई थी

कुनकुरी विधानसभा में मतदाताओं की स्थिति :

जशपुर विधानसभा में मतदाताओं की कुल संख्या 204746 है. इनमें से 100243 पुरुष और 104502 महिला मतदाता शामिल हैं.इस विधानसभा सीट में महिला और पुरुष मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर है.

कुनकुरी विधानसभा का जातिगत समीकरण :

कुनकुरी में ईसाई मतदाताओं की संख्या 37 हजार से अधिक हैं. वहीं कंवर मतदाता भी यहां पर 47 हजार हैं, इसके अलावा उरांव जाति के लोग 40 हजार के आसपास हैं. यही तीन जातियां इस विधानसभा में जीत और हार का समीकरण तय करती हैं.

कुनकुरी विधानसभा के मुद्दे और समस्याएं :

कुनकुरी विधानसभा में धर्मातंरण सबसे संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा है. एशिया के सबसे बड़ा चर्च के प्रभाव वाले इस विधानसभा क्षेत्र में धर्मातंरण को लेकर आए दिन विवाद की स्थिति बनती है. इसके साथ ही बिरहोर जनजाति,बादलखोल अभ्यारण्य के पहुंचविहिन गांवों का विकास इस क्षेत्र की प्रमुख समस्याओं में से एक है. सड़कों की स्थिति भी क्षेत्र में राजनीति के केन्द्र में रही है. राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण हो जाने से लोगों को राहत जरूर मिली है. लेकिन चिराईडांड दमेरा,कुनकुरी तपकरा और चराईडांड बगीचा सड़क की जर्जर स्थिति ने बीते पांच साल में मीडिया में जमकर सुर्खियां बटोरी हैं.

साल 2018 के चुनावी परिणाम :

2018 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी में कांग्रेस के प्रत्याशी यूडी मिंज ने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी के भरत साय को 4293 मतों से हराया था. इन चुनावों में यूडी मिंज को 69896 मत मिले थे.जबकि बीजेपी के भरत साय को 65603 मतों से संतोष करना पड़ा था. बीजेपी की इस करारी शिकस्त में बागी प्रत्याशी प्रदीप नारायण की अहम भूमिका मानी गई थी. प्रत्याशियों के बाद से सबसे अधिक 2129 वोट नोटा में गए थे.

कुनकुरी विधानसभा का सियासी समीकरण :

इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में,पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले,राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह से बदली हुई है. सत्तारूढ़ कांग्रेस ने साढ़े चार साल में अपनी जड़े मजबूत की है. विधायक यूडी मिंज जनसंपर्क में जुटे रहे.लेकिन,कांग्रेस का संगठन अब भी पूरी तरह से कमजोर है. वहीं भारतीय जनता पार्टी में चुनाव की बागडोर जूदेव परिवार के हाथ में होगी. बीजेपी धर्मांतरण के साथ केन्द्र सरकार की योजनाओं को लेकर चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी में जुटी हुई है. वहीं कांग्रेस भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धियों को अपने जीत का आधार मान रही है.

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