नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने केंद्रीय कैबिनेट को प्रस्ताव भेजा है। इसमें इंडिया को हटाकर देश का नाम भारत करने की बात कही गई है। मंत्रिमंडल को भेजा गया यह इस तरह का पहला प्रस्ताव है जिसमें ये मांग उठाई गई है।

दस्तावेजों में बढ़ेगा ‘भारत’ का इस्तेमाल

जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरकारी कागजात में इंडिया की जगह भारत का इस्तेमाल बढ़ने वाला है। संविधान में इंडिया और भारत दोनों ही नामों का जिक्र है, ऐसे में अगर भारत नाम का प्रयोग बढ़ाया जाता है तो इसमें कुछ गलत नहीं होगा। इस मामले को लेकर बीते कई दिनों से राजनीति भी गरमाई हुई है।

पहले NCERT अब इंडियन रेलवे

गौरतलब है कि NCERT की एक समिति द्वारा हाल ही में स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ लिखने की सिफ़ारिश किए जाने के बाद सामने आया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजे रेल मंत्रालय के एक प्रस्ताव में ‘इंडिया’ को हटाकर ‘भारत’ लिखा गया है।

यह शायद कैबिनेट का पहला प्रस्ताव है जिसमें हर पहलू में इंडिया के स्थान पर ‘भारत’ का उपयोग किया गया है। यह निर्णय बीते दिनों नरेंद्र मोदी प्रशासन के इंडिया के बजाय ‘भारत’ नाम को प्राथमिकता देने के अनुरूप है।

कब चर्चा में आया भारत…?

इंडिया का आधिकारिक नाम ‘भारत’ करने की खबरों ने उस समय बड़ा विवाद पैदा कर दिया था जब भारतीय राष्ट्रपति की ओर से आधिकारिक जी-20 रात्रिभोज के निमंत्रण में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ के बजाय ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ के रूप में संदर्भित किया गया था। इस पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई।

जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भी जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक को संबोधित किया तो उनके सामने नाम कार्ड पर देश का नाम ‘भारत’ लिखा गया था। हाल के सप्ताहों में आधिकारिक विज्ञप्तियों में ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ का उपयोग तेजी से किया जा रहा है।

इसी हफ्ते ही स्कूली पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) द्वारा गठित एक उच्च-स्तरीय समिति ने सिफारिश की है कि बारहवीं कक्षा तक की सामाजिक विज्ञान की स्कूली पाठ्यपुस्तकों में ‘इंडिया’ के स्थान पर ‘भारत’ लिखा जाए।