किस्मतलाल से लेकर अनूप नाग तक बागियों में

रायपुर। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख खत्म हो चुकी है। अब दो दिन स्क्रूटनी के बाद नाम वापसी आखिरी मौका होगा बागियों को साधने का। यानी 2 नवंबर के बाद जो रह जाएगा वह होगा सिर्फ और सिर्फ मैदान। नामांकन के आखिरी दिन JCCJ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने भी ताल ठोकी।

कटघोरा के कयास भी आए, लेकिन उतरे वे पाटन से। रायपुर उत्तर से कांग्रेस से बगावत करके अजीत कुकरेजा मैदान में आ गए। किस्मतलाल नंद से लेकर अनूप नाग तक कांग्रेस में बागियों की गिनती बढ़ा ही चुके हैं।

दूसरे चरण के लिए नामांकन भरने की तारीख खत्म हो चुकी है। आखिरी दिन सियासत में भारी गर्मी रही। कई सीटों पर कांग्रेस के बागियों ने पर्चा भर डाला। दिन भर गहमागहमी के बीच बागियों, विरोधियों के खंभ गाड़ने के बाद क्या बन रही अब छत्तीसगढ़ की सियासी तस्वीर?

ऐसा नहीं है सिर्फ कांग्रेस में बर्तन बज रहे हैं। भाजपा भी इसमें पीछे नहीं। कलिता समाज की गोपिका गुप्ता रायगढ़ से ओपी चौधरी को छका रही हैं, तो यहां रायपुर उत्तर में सावित्री जगत भी पीछे न रहीं।

राजनीतिक बागियों में ऐसे भी नेता शामिल हैं जो नाराजगी जताकर शांत हो गए। धमतरी के विधायक गुरमुख सिंह होरा नाराज हुए, नामांकन दाखिल करने की बात कही, फिर पार्टी को सपोर्ट करते नजर आए। मनेंद्रगढ़ के विनय जायसवाल भी इनमें से एक हैं।

जिन्हें संभालने की कोशिश है उनके पास नाम वापसी का वक्त है, जो रह जाएंगे वे मैदान में होंगे। चुनाव जारी है, पिक्चर अभी बाकी है। क्लाइमेक्स के बदलते तस्वीर से ससराबोर होते रहिए।

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