रायपुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा 5 नवंबर को केन्द्रीय जेल में राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का शुभारंभ अब्दुल जाहिद कुरैशी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया। राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत में कुल 142 प्रकरण रखे गये थे जिनमें से 94 प्रकरण निराकृत हुये और 94 बंदी आज रिहा हुये।

न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने बंदियों को संबोधित करते हुये बताया गया कि अंडर ट्रायल रिव्यु कमेटी 2023 के अंतर्गत केन्द्रीय जेल रायपुर एवं उप जेल गरियाबंद में ऐसे बंदी जो अभिरक्षा में अधिक अवधि से निरूद्ध है, उनक प्रकरणों में शीघ्र निराकरण हेतु सर्वोच्च न्यायालय उच्च न्यायालय तथा जिला न्यायालय शीघ्र निराकरण के प्रयास कर रहे हैं।

जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण निरूद्ध बंदियों के मौलिक अधिकार एवं कानूनी अधिकार की सुरक्षा के लिये निरंतर कार्य कर रहा है। बहुत से बंदी ऐसे हैं जो अपने मामले की पैरवी के लिये अधिवक्ता की नियुक्ति, आर्थिक स्थिति कमजोर होने या निर्धनता के कारण जमानत राशि की व्यवस्था नहीं कर पाते है तो ऐसी स्थिति में आपके साथ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण आपकी सहायता हेतु तत्पर है जो आपके मामले को सरल एवं सहज प्रक्रिया से निपटारे के लिये निःशुल्क विधिक सहायता करेगा।

छग राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर की राज्य स्तरीय वृहद जेल लोक अदालत का अभियान सराहनीय पहल है । जिससे जेलों में निरूद्ध बंदियों की अधिकता को कम करने हेतु कम अवधि की सजा वाले मामलों को चिन्हांकित करते हुये मामलों के निपटारे के लिये जेल लोक अदालत का समय समय पर आयोजन किया जाता है।

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जिला-रायपुर दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रत्येक कार्यदिवस के शनिवार को भी जेल लोक अदालत का आयोजन होता है जिसमें कोई भी बंदी अपने मामले का निराकरण करा सकता है और यह जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से भी जेल लोक अदालत के माध्यम से निराकरण करने हेतु आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से प्रेषित करा सकता है और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे मामलों में निःशुल्क सेवा प्रदान करती है ।

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