टीआरपी डेस्क। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के तहत 17 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ गई है। वहीं, इसके दामों में भी बढ़ोतरी हुई है। काले रंग के पौष्टिक मांस के लिए मशहूर इस मुर्गा प्रजाति को जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स मार्क हासिल है।

कड़कनाथ की मांग में 30 से 40 प्रतिशत हुआ इजाफा
झाबुआ के कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. चंदन कुमार के अनुसार ‘‘ठंड के मौसम की शुरुआत हो गई है और चुनावों का भी समय है. ऐसे में कड़कनाथ की मांग 30 से 40 प्रतिशत बढ़ गई है।” उन्होंने बताया कि देश भर के पोल्ट्री फार्म संचालक कड़कनाथ मुर्गे की शुद्ध नस्ल के चूजों के लिए झाबुआ का रुख करते हैं।
चुनावों के दौरान मांग में उछाल से कड़कनाथ के एक वयस्क मुर्गे का दाम बढ़कर 1,200 से 1,500 रुपये के बीच पहुंच गया है। जो पहले 800 से 1,200 रुपये के बीच बिक रहा था।
जानें क्या है इसकी खासियत?
जानकारों के अनुसार अन्य मुर्गा प्रजातियों के चिकन के मुकाबले कड़कनाथ के काले रंग के मांस में चर्बी और कोलेस्ट्रॉल काफी कम होता है। साथ ही प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होती है। देश की जियोग्राफिकल इंडिकेशन्स रजिस्ट्री ने वर्ष 2018 में ‘मांस उत्पाद तथा पोल्ट्री एवं पोल्ट्री मांस’ की श्रेणी में कड़कनाथ चिकन के नाम भौगोलिक पहचान जीआई टैग भी दिया गया है।
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