वाघा बॉर्डर। पाकिस्तान ने कराची जेल से 80 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया है। 10 नवंबर की रात को उन सभी मछुआरों को वाघा बॉर्डर पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया। पाकिस्तानी सरकार के एक अभियान के तहत अवैध विदेशी प्रवासियों और नागरिकों को देश से निकाला जा रहा है। ये रिहाई उसी अभियान का हिस्सा है।

इस बात की जानकारी पाकिस्तान फिशरफोक फोरम (PFF) के महासचिव सईद बलूच ने 10 नवंबर को एक पोस्ट में दी। रिहा हुए 80 भारतीयों में 77 गुजरात से हैं। 59 मछुआरे गुजरात के गिर सोमनाथ से, 15 द्वारका से, दो अमरेली से और एक जामनगर से है. बाकी तीन मछुआरे केंद्र शासित प्रदेश दमन-दीव, दादरा एवं नगर हवेली से हैं।

जेल में बिताने पड़े 3 साल

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, इन 80 मछुआरों को पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी (PMSA) ने उसके देश के जल क्षेत्र में मछली पकड़ने का आरोप लगाकर लगभग तीन साल पहले पकड़ लिया था। वे 2020 में नियमित अंतराल पर गुजरात तट से रवाना हुए थे। मई और जून में, पाकिस्तान सरकार ने लगभग 400 भारतीय मछुआरों को रिहा कर दिया था जिन्हें इन्हीं आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था।

भारतीय मछुआरों के लिए लाहौर की यात्रा की व्यवस्था करने वाले ईधी वेलफेयर ट्रस्ट के फैसल ईधी ने मीडिया को बताया कि सभी मछुआरे घर लौटने को लेकर बहुत खुश हैं। उन्होंने सभी को घर ले जाने के लिए कुछ नकद और उपहार भी दिए हैं। सभी को भारी सुरक्षा के बीच अल्लामा इकबाल एक्सप्रेस ट्रेन से भेजा गया। गुजरात के फिशरीज डिपार्टमेंट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया कि अधिकारियों की एक टीम अमृतसर में मछुआरों का स्वागत करेगी।

बता दें कि जुलाई तक पाकिस्तान की जेलों में 308 भारतीय कैदी बंद थे। वहीं, भारतीय जेलों में 417 पाकिस्तानी कैदी हैं.