टीआरपी डेस्क। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को डिजिटल विज्ञापन नीति को मंजूरी दे दी। यह वेबसाइटों, ओटीटी और पॉडकास्ट जैसे अन्य डिजिटल प्लेटफार्मों पर लागू होगी। यह नीति केंद्र सरकार की विभिन्न योजनाओं और नीतियों के प्रचार-प्रसार से जागरुकता फैलाने के केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के मिशन में महत्वपूर्ण साबित होगी।

नीति के माध्यम से सीबीसी को ओटीटी और वीडियो ऑन डिमांड जैसे प्लेटफार्म के लिए एजेंसियों और संस्थाओं का पैनल बनाने का अधिकार मिलेगा। सीबीसी इन प्लेटफार्मों पर विज्ञापन दे सकता है।

नीति में पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के साथ लागत के लिए प्रतिस्पर्धी बोली का प्रविधान है। इस प्रक्रिया के माध्यम से दरें तीन साल तक वैध रहेंगी और सभी पात्र एजेंसियों पर लागू होंगी। सीबीसी ने वेबसाइट और मोबाइल एप को चार श्रेणी में बांटा है।

जानें क्या हैं नए नियम?

दो करोड़ से अधिक यूजर्स वाले साइट और ऐप ए+ श्रेणी में होंगे। एक करोड़ से दो करोड़ यूजर्स वाले ए श्रेणी में, 50 लाख से एक करोड़ वाले बी और 25 हजार से 50 लाख वाले सी श्रेणी में होंगे। पॉडकास्ट के लिए पांच लाख यूनिक यूजर्स की जरूरत होगी।

सीबीसी, विज्ञापन के बदले वेबसाइट और ऐप को पैसे भी देगा। ओटीटी प्लेटफार्मों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है – ए श्रेणी में 25 लाख से अधिक यूजर्स और बी श्रेणी में 50 हजार से 25 लाख यूजर्स वाले ओटीटी प्लेटफार्म होंगे।

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